पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१६६

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चतुर्वेदीकोष । १६६ चूर्ण चूर्णी, (पुं. १ पतञ्जलि का महाभाष्य | शिव जी की जटा। चूलिका, ( स्त्री. ) हाथी के कान की जड़ । नाटकाङ्गविशेष | चूष, (क्रि.) चूसना | पीना । चूषा, (स्त्री.) चाम की लगाम | चूसना | चूष्य, (गु.) चूसने योग्य । वृत्, (क्रि. ) मारना | गाँठना । चेट, (पं.) नौकर | सेवक । दास । चेत्, ([अव्य. ) यदि | सन्देह न होने पर भी सन्दिग्ध हो कर कहना । चेतन, (पुं. ) आत्मा । जीव | ‘परमेश्वर | प्राणी | चैतन्य | चेतस्, (न.) चित्त 1 मन । आत्मा चेतोमुख, (पुं.) जिसका चित्त द्वार हो । जीव । चेदि, ( पुं. ) देशविशेष । उस देश के निवासी । चेदिपति, ( पं. ) दमघोष राजा का पुत्र । चेलू, (क्रि.) जाना । चलना । हिलना | चञ्चल होना । चेल, (न. ) कपड़ा । चेलप्रक्षालक, ( पुं. ) धोबी | चेल्ल, (क्रि. ) चालन । हिलना । जाना । चेष्ट, (क्रि.) जीवन के चिह्न दिखाना । पूरा करना यत्न करना चेष्टा, ( स्त्री. ) यल | आत्मा से इच्छा, इच्छा से यत्न और यत्न से चेष्टा उत्पन्न होती है। चैतन्य, ( न. ) चेतना । ब्रह्म । प्रकृति । माया । चैत्य, ( महावृक्ष । विदेश । देवता के रहने का पेड़ | बुद्धभेद । मन्दिर । चिता का चिह्न । जनसभा यज्ञीय स्थान । बिम्ब | विश्रामस्थान | चैत्यगृह, (न. ) चैत्य का घर । चैत्र, (पुं.) मास -जिसमें चित्रा नक्षत्र में पूर्णिमा हो । चैत का महीना छत्र / चैत्रक, (पुं.) पहाड़विशेष । चैत्ररथ, ( पुं. ) कुबेर का उद्यान जिसे चित्र- रथ ने बनाया था । चैद्य, (पुं.) शिशुपाल चोदना, ( स्त्री. ) प्रवर्त कराने के लिये कहा हुआ वाक्य । उपदेश । 66 चोदनालक्षणोर्थो धूर्मः । ” प्रेरणा । झिड़की । चोद्य, (न.) प्रश्न । पूर्वपक्ष विलक्षण । प्रेरणा योग्य | चोर, (पुं.) चोरी करने वाला । गन्धद्रव्य विशेष | चोल, (न. ) चोली | अशिया | द्राविड़ और कलिङ्ग देशों के मध्य का देश । चोली, (स्त्री. ) अभिया । चोप्य, ( न. ) चूसने योग्य | गन्ना | पौंड़ा | चौड़, ( न. ) चूड़ा संस्कार । च्यवन, च्यु, ( न. ) धीरे धीरे चूना । ऋषिविशेष । (क्रि. ) जाना | हसना | सहन करना | सहारना । च्युत्, (क्रि.) देखो चुत् । च्युति, (स्त्री.) झरन । टपकन । चुअन । नाश । च्यौत्त, (त्रि.) जाने वाला | छोड़ा हुआ | गुण्डा | धर्मरहित । अण्डे से उत्पन्न । त्याग के योग्य | चूरचूर । प्रयत्न । उद्योग | प्रबन्ध | सामर्थ्य | बल । छ छ, (गु.) विशुद्ध | स्वच्छ | छेदक । काटने वाला । चञ्चल । छगल, ( पुं. ) छाग | बकरा | छुटा, ( स्त्री. ) प्रकाश चमक । परम्परा | लगातार | छत्र, (. पुं. ) छाता | सोये का साग | छत्रक, ( पुं. ) वृक्षविशेष । पक्षीभेद । मधुमक्खी का छत्ता । छत्रभङ्ग, (पुं. ) नृपनाश । वैधव्य । परा- धीनता |