पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१६४

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चतुर्वेदीकोष | १६४ चार्चिक्य, ( न. ) शरीर को चन्दनादि सुगन्धयुक्त द्रव्यों से चर्चित करना । चार्म्म, (पुं. ) चारों ओर चमड़े से मदी गाड़ी या रथ | चार्वाक, (पुं. ) वह लोग जिसका वचन सारे संसार को रुचे । चालनी, ( स्त्री. ) चलनी । धान आदि छानने की छन्नी । चाष, (पुं.) नीलकण्ठ । चि, (क्रि.) चुनना । चिकित्सक, (पुं.) वैद्य । डाक्टर । हकीम । चिकित्सा, (स्त्री.) बीमारी का इलाज | रोग दूर करने की प्रक्रिया | चिकित्स्य, ( न. ) साध्य रोगी । इलाज के योग्य रोगी । चिकुर, ( पुं. ) बाल सिर के । वृक्षविशेष । पहाड़ | सरीसृप जीवजन्तु । चञ्चल । तरल | चिक्कू, ( क्रि. ) दुःख देना । कष्ट देना । चिक्कण, (पुं. ) चिकना । गुवाक का पेड़ या फल । चिच्छक्लि, (स्त्री.) मन और बुद्धि की सामर्थ्य | चैतन्य | चिश्चा, (स्त्री.) इमली का पेड़ । चिट्, (क्रि. ) भेजना | चित्, (क्रि. ) जानना । चित्, (स्त्री.) ज्ञान | चैतन्य | चित्, ( अव्य. ) अपूर्ण । थोड़ा । जैसे किश्चित् । चित, (त्रि.) चिता । चिति, (स्त्री.) चिता । समुदाय | वेदान्त- मतानुसार ऐसा ज्ञान, जिसका कोई विषय न हो । अग्निस्थानविशेष | चित्त, ( न. ) मन । बुद्धि । अनुसन्धान | चिता की लकड़ी । चित्तविक्षेप, (पुं.) चित्त में विक्षेप डालने बाले । योग से जो हटा लें- ऐसी बातें । चिदा चित्तविप्लव, ( पुं. ) उन्माद रोग | चित्य, (पुं. ) श्राग | चिता । चित्र, (क्रि. ) लिखना । आश्चर्य होना । चित्र, (पुं. ) यमविशेष ( वृकोदराय चित्राय ) | अशोक वृक्ष । चित्रक वृक्ष | श्रण्डी का पेड़ | आकाश । एक प्रकार का कुष्ठ । कई रङ्ग वाला । तिलक । शब्दसम्बन्धी अल- ङ्कारविशेष । भेड़िया विशेष । चित्रकराठ, ( पुं. ) कबूतर | घुग्धू | उल्लू | चित्रकर, (पुं. ) मूर्ति बनाने वाला | दोगला | तसवीर वाला । चित्रकूट, (पुं.) जिसके शिखर पर चित्र हो । बॉदा के पास का एक स्थान । चित्रगुप्त, ( पुं. ) यमराज के पेशेकार । चित्रपट, (पुं. ) रङ्गबिरङ्गा कपड़ा । चित्र | मूर्ति । तसवीर । चित्रपादा, ( स्त्री.) सारिका पक्षी । मैना | " चित्रभानु, (पुं.) अग्नि | सूर्य । चित्रक पेड़ आक का रूख चित्ररथ, (. पुं. ) सूर्य | गन्धर्वविशेष । गायक देवता | चित्रलेखा, स्त्री. ) कुभाण्ड की कन्या- अप्सराविशेष । उषा की सखी । छन्द विशेष जिसके प्रत्येक पाद में अठारह अक्षर होते हैं । चित्रशिखण्डिन्, ( पुं. ) शिखा वाला | सप्तर्षि यथा - १ मरीचि । २ रा । ३ अत्रि । ४ पुलस्त्य । ५ पुलह । ६ कृत । ७ वसिष्ठ । चित्राङ्गद, ( पुं. ) शन्तनु राजा का पुत्र और विचित्रवीर्य का भाई । एक गन्धर्व | चित्राङ्गी, (स्त्री.) विलक्षण अङ्ग वाली । मजीठ | कर्णजलौका । • चिद्रूप (पुं. ) आत्मा परमात्मा । जीवात्मा | चिदाकाश, ( न. ) शुद्ध ब्रह्म ।