पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१२५

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कास चतुर्वेदीकोष | १२५ . कासघ्नी, ( स्त्री. ) कण्टकारी । कण्डमारी । कासरः, ( पुं. ) भैंसा । कासारः, (पुं. ) तालाव | हद | सरोवर | कासिका, ( स्त्री. ) खाँसी । कासीस, (न. ) हीराकस । एक प्रकार की धातु । कौंसीस । कासु, ( स्त्री. ) घचराहट का बोल | चमक | बुद्धि | रोग | काहल, (न.) सूखा | मुर्भाया हुआ | उपद्रवी । बड़ा । विस्तृत । बहुत मुर्गा । कौत्रा | नगाड़ा | वाजा विशेष | काहलिः, ( पुं. ) शिव जी का नाम । किंवत्, ([अव्य. ) दोन | तुच्छ । नीच किंवदन्ती, (स्त्री.) जनअति | लोकापवाद | किंवा, ([अव्य.) विकल्प । अथवा । या । वा । किंशारु, ( पुं. ) धान की नाल । तीर | कङ्कपक्षी | किंशुक, ( पुं. ) वृक्ष जिसमें सुन्दर लाल पुष्प लगते हैं, पर उन पुप्पों में महक नहीं 1 i किकिः, ( पुं. ) नारियल का वृक्ष | चातक | पक्षी किक्किशः, (पुं.) एक प्रकार का कीड़ा | किङ्करः, (त्रि. नाकर | • किङ्किणी, ( स्त्री. ) करधनी | छोटी वण्टी | होती। पलाश पुप्प । ढाँक के फूल | धन का दाता । " विद्याहीना न शोगन्ते निर्गन्धा इव : किन्नु, ( [अव्य. ) प्रश्न | वितर्क | रथान | किशुकाः ” । सादृश्य । क्या ? धुँवुरू । किङ्किर, ( पुं. ) कोयल । भौंरा । घोड़ा । कामदेव । किर किटू, (क्रि. ) समीप जाना । डरना | ! किटिः, (पुं. ) सुअर किटिभः, (पुं. ) खटमल किटिमः, ( पुं. ) एक प्रकार की कोढ़ | किटं, ( न ) लोहे की जङ्ग या मैल | किरण, (पुं . ) मांस की गाँठ गृत | तिल | लकड़ी का कीड़ा | किरिवन्, (पुं. ) घोड़ा । किस्, (क्रि. ) सन्देह करना । किङ्किरात्, (पुं.) अशोक वृक्ष तोता । रक्तभांडी । कोमल । कामदेव । किश्च (अन्य ) त्रारम्भ | समुच्चय | कुछ और किञ्चन, (श्रव्य. ) थोड़ा । अपूर्ण । किअल्क, (पुं.) केसर फूल की धूरी नाग- केगर । कितव, (पुं. ) ज्वारी | ठग | नीच | धनूरा | उन्मत्त या सनकी आदमी | किंधिन्. ( पुं. ) घोड़ा । किन्तनु, (पुं. ) आठ पाँव का कीड़ा | मकरी | बहुत छोटे शरीर वाला । किन्तु, (अन्य ) लेकिन । पर । परन्तु किन्नर, (पु.) देवताओं का गवैया, जिसका मुख घोड़े जैसा और शरीर मनुष्य जैसा होता है । किन्नरेश, (पुं. ) किन्नरों का स्वामी । कुनेर । किनाट, (स्त्री.) पेड़ की भीतरी छाल | किम्, ([अव्य. ) क्या | वितर्क | निन्दा | किमु, (अव्य. ) सम्भावना | सन्देह | विमर्प | किमुत, (अव्य. ) प्रश्न | वितर्क | सह | विकल्प | अतिशय | फिर क्या ? किम्पच, (त्रि.) सूम । कृपण किंपुरुष, (पुं. ) देवयोनिभेद | हिमालय और हेमकूट के बीच | नववर्ष नामी जम्यु- द्वीप का एक वर्ष । बुरा आदमी | किंभूत, किस प्रकार का ? किस तरह का । कियत्, (त्रि.) कितना ? कियाहः, (पुं.) लाल रङ्ग का घोड़ । किर, (पुं.) शूकर | सुअर | किरण, (पुं.) किश्न | पूर्य । किरणमय, चमकीला | प्रकाशयुत ।