पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१२२

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क्राम चतुर्वेदीकोष । १२२ कामकला, (स्त्री.) काम की स्त्री रति का नाम । कामप्रिया । कामकार, (त्रि.) स्वेच्छाचारी | स्वतंत्र | कामकेलि, (पुं.) सुरतक्रिया | कामक्रीड़ा | सम्भोग | कामचार ( पुं. ) यथेच्छाचारी | अपनी मनमानी करने वाला । कामद, (त्रि.) अभीष्ट पूरा करने वाला । कामदुघा, (स्त्री.) सुरभी गौ । कामधेनु । स्वर्ग की गौ । कामदुह, ( स्त्री. ) कामधेनु कामध्वंसिन्, (पुं.) काम को ध्वंस करने वाले । शिव जी । कामपाल, (पुं.) बलराम | बलभद्र | कामनाओं की रक्षा करने वाला । कामस्, (श्रव्य.) अनुमति । सम्मति । प्रकाम। चोखा । पर्याप्त । स्वीकार । हाँ । चाहे । कामरूप, (पुं.) इच्छानुसार रूप धारण करने वाला । एक देश का नाम जो आसाम के अन्तर्गत है | मनोहर रूप वाला । कामल, (पुं. ) कामी । एक प्रकार का रोग | कामसुत, (पुं. ) अनिरुद्ध । कामलखा, (पुं.) कामदेव का मित्र | ऋतुराज वसन्त काम को प्रदीप्त करने वाला चन्द्रमा | कामसूत्र, (न.) वात्स्यायन सूत्र जिसमें कामशास्त्र प्रतिपादन किया गया है। कामान्ध, (पुं. ) काम से अंधा । जो अपने शब्द से दूसरों को धंधा कर दे । कोइल | विचारहीन । कामिन, (पुं.) चकवा । कबूतर - सारस कामी । भीरु स्त्री । मदिरा | कामुक, ( त्रि. ) अशोक वृक्ष | माधवी लता । चटक । चिड़िया । बहुत सम्भोग की इच्छा रखने वाला । द्रव्य कमाने की इच्छा रखने वाली स्त्री | कार काम्पिल्य, ( पुं. ) कम्पिला नदी का तटवर्ती देश | गुण्डारोचना नामी लता । काम्बविक, (पुं.) शङ्ख का काम करने वाला । शङ्खकार | काम्बोज, (पुं. ) कम्बोज देश का घोड़ा । पुन्नाग वृक्ष । कम्बोजदेशवासी । म्लेच्छ- विशेष | हयपुच्छी । काम्य, (न. ) फलकामना से किया गया कर्म्मानुष्ठान, यथा-तप, यज्ञ, पाठ, पूजनादि । कार्य जिसके करने में बड़ा क्लेश हो । सुन्दर । काय, (पुं. ) श्रन्नादि से बढ़ने वाला । शरीर । वृक्ष का धड़ | समुदाय । मुख्य प्रधान । घर | चिह्न । ब्राह्मतीर्थ । मूलधन । ब्रह्मा । कायस्थ, (पुं. ) शरीर में स्थित । परमात्मा | लेखक का काम करने वाला । जाति- विशेष | हरीतकी । आमलको लेखक जाति जिनकी उत्पत्ति क्षत्रिय पिता और शूद्रा माता से है । कायिक, (त्रि. ) शारीरिक । जो देह से किया जाय । कार, (पुं. ) मारने योग्य | निश्चय | उपाय | काम । पति । स्वामी प्रभु दृढ़ विचार | शक्ति ! सामर्थ्य | कर | महसूल । बर्फ का ढेर । हिमालय श्रोले का पानी मारना । यति । कारक, (त्रि.) करने वाला । क्रियाजनक | व्याकरण में कारक उसे कहते हैं जिसका क्रिया से सम्बन्ध हो । कर्त्ता, कर्म, अपादान आदि सात कारक हैं। . कारणदीपक, ( न. ) अलङ्कारशास्त्र का अर्थालङ्कारभेद । कारज, उङ्गलियों से सम्बन्धयुत । कारण, (न.) हेतु । विना जिसके कार्य की उत्पत्ति न हो सके । साधन 1 इन्द्रिय | शरीर | तत्त्व | किसी नाटक की मूल-