पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/११०

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· चतुर्वेदीकोष | ११० मत्तगज | कण्ठीरव, (पुं. ) सिंह शेर कबूतर | कराठेकाल, (पुं.) महादेव का नाम । कण्डन, (न. ) फटकना । कूटना | छरना | कण्डनी, (स्त्री. ) उखली । उलूखल । कण्डिका, (स्त्री) वेद का एक भाग | कण्डु, ( स्त्री. ) को खुजाना । कराडून, ( पुं. ) सफेद सरसों । कण्डूति, ( स्त्री. ) खुजलाना । कण्डोल, ( पुं. ) डलिया । कण्डी | ऊँट | डोल । कराठी कराव, ( पुं.) एक मुनि का नाम जिन्होंने शकुन्तला को पाला था। पाप अपराध | कतक, ( पुं. ) निर्मली वृक्षविशेष | पानी साफ करने वाली वस्तु । कतम, (त्रि.) बहुतों में से एक या कौन ? कतर, (त्रि. ) दो में से कौन ? कति, (त्रि. ) कितने ? कतिपय, (त्रि. ) कितने । कुछ कप्तोय, (न. ) शराब । मदिरा | बुरा पानी । कत्थू, (क्रि. ) सराहना । अभिमान करना | कथ्, (क्रि. ) कहना | बोलना । कत्थन, (न.) घमण्ड करना । कतपयम्, ([अव्य.) किसी प्रकार | कथक, (पुं. ) कहने वाला । कत्थकड़ । कथन, (न.) वर्णन | कथञ्चन, (अव्य.) किसी प्रकार | कथञ्चित्,(अव्य.) कठिनता। बड़ी सावधानी से । कथम्, (श्रव्य.) किस प्रकार | कथमपि, ([अव्य.) बड़े प्रयत्न से | किसी तरह । कथंभू, ([अव्य. ) किस प्रकार | कैसे । कथंभूत, (त्रि.) किस प्रकार | कैसा । कथा, (स्त्री.) कहानी । प्रबन्धरचना | बादरूप वाक्य | केशनक, (सं.) छोटी कहानी | किस्सा | कथाप्रसङ्ग, ( पुं. ) कथा में जितकी चर्चा हो । बहुत बोलने वाला । उन्मत्त । सिड़ी । कद्, (क्रि.) रोना । घबड़ाना । घवड़ा जाना । कदन, (न. ) पाप । लड़ाई | कदन्न, (सं.) बुरा अन्न । रामदाना । सिंघाड़ा | कदम्ब ( पुं. ) एक पेड़ | कदर्थ, ( पुं. ) नीच प्रयोजन । दुष्ट मतलब । कदर्शन, (न.) पीड़ित करना । अत्याचार करना | कर्थ्य, (त्रि.) क्षुद्र | नीच कब्जूस । धन के सामने स्त्री पुत्रादि को भी तुम्छ समझने वाला । कदर्य, ( पुं. ) दरिद्री | लालथी । कदली, ( स्त्री. ) केला । हिरनी विशेष । झण्डी | कदा, (अन्य ) किस समय । कब । कदाख्य, (पुं.) कूट वृक्ष । कदाचन, (अव्य.) किसी समय | कभी | कदापि, ( श्रव्य. ) किसी समय भी | कभी भी । कदुष्ण, ( न. ) गुनगुना । कुछ कुष गरम । कडु, ( पुं. ) पीला रङ्ग | नागों की माता का नाम | पृथिवी | कद्रू, (स्त्री. ) कश्यप की स्त्री और नागों की माता । कद्वद, (त्रि.) गाली गलौज करने वाला | कन्, (कि. प्यार करना | प्रसन्न होना । सन्तुष्ट होना । कनक, (न. ) सोना । धतूरा | किंशुक पेड़ | कनकक्षार, (पुं.) सुहागा | कमकरस, (पुं. ) हरताल कनकाचल, (पुं.) सुमेरु पर्वत । कनकारक, (पुं. ) कोविदार वृक्ष | कवनार का वृक्ष ।