पृष्ठम्:काव्यालङ्कारः (रुद्रटः).pdf/१८०

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९थपदपाठः श्लोकः१९६०तुरगपपाठःश्लोकः १५) क श | स |न | | भ| ट |य से ना लीली ली ना नाली इ ती क्षिता त रे |ञ्चक्रे त | १ | ख | व अ | र घ । ब लीना नाना ना ली|लीr|ली| |याय ?मा म | म |मा |य म हि पंपा तु वो गैरी ||ना|ची|ना लीले |ना|ची|ना |सा ।। की |ली | सीना ना ना ना ली ११ गजपद पाठः श्लोकः१६ १६ अर्धभ्रमःश्लोकः१e ना ना धीना वा धीरा यारि चीरा ली। |- सा |नः |पा ना ना शं ना के शं ते ना शं को ते शेते ते जः या व्या या |म | | ध्य