|
|
विषयाः |
पृ. |
प.
|
वाद्यविकृतिफलम् |
७०६ |
१०
|
वानरविकारपाकः |
८४७ |
१५
|
वाप्यादिविकृतिफलम् |
७०६ |
५
|
वायव्यदिकप्रधानदेशाः |
२६३ |
२०
|
वायव्यदिग्देशाः |
२६३ |
२
|
वायव्यमण्डलग्रहणम् |
८७ |
१७
|
वायव्यमण्डलफलम् |
४०५ |
४
|
वायव्यमण्डलम् |
४०४ |
१९
|
वायसच्छर्दनादिफलम् |
६८३ |
११
|
वायसजातिः |
६८२ |
२२
|
वायसनीडीकरणफलम् |
६९६ |
६
|
वायसरात्रिशब्दफलम् |
६८९ |
६
|
वायसरुतम् |
६८४ |
२१
|
वायसरुते दिगवलाकनतः
|
फलम् |
६९१ |
६
|
वायसवस्त्वाहरणफलम् |
६८५ |
२६
|
वायसविकारशान्तिः |
६९८ |
१९
|
" |
६९९ |
६
|
वायससंहतादिफलम् |
६८९ |
१७
|
वायसस्य कालदिङ्मिश्रित
|
फलम् |
६९१ |
१९
|
वायस्य वैशाखे नीडीकरणफलम् |
६९५ |
१७
|
वायसस्य श्वेतस्य फलम् |
६९८ |
२३
|
वायसस्यैकाण्डादिनाम् |
६९७ |
२३
|
वायसागमनचेष्टाफलम् |
६८४ |
३
|
वायसाण्डविकारः |
६९६ |
१६
|
वायसाद्भुतावर्त्तः |
६८२ |
१९
|
वायसावकुट्टने फलम् |
६८५ |
११
|
वारुणमण्डलम् |
४०५ |
९
|
वाहनज्वलने फलम् |
४१७ |
२२
|
|
|
|
विषयाः |
पृ. |
प.
|
विडालविकारपाकः |
७४७ |
१८
|
विडालविकृतिशान्तिः |
६४६ |
१५
|
विडालाद्यद्भुतावर्त्तः |
६४६ |
६
|
विद्युदद्भुतावर्त्तः |
३५० |
७
|
विद्युदुत्पातफलपाकः |
३५३ |
७
|
विद्युदुत्पातशान्तिः |
३५३ |
१
|
विद्युद्दिग्वर्णफलम् |
३५० |
१३
|
विद्युल्लक्षणम् |
३२३ |
१३
|
विनायकविकारजं निमि-
|
त्तफलम् |
४२८ |
१२
|
वियोनिगमनविकार-
|
शान्तिः |
५८९ |
१२
|
वियोनिगमनविकृतिः |
५८९ |
५
|
विविधोत्पातफलम् |
६९९ |
२०
|
विविधोत्पातशान्तिः |
७१९ |
२५
|
विविधोत्पातः |
७१७ |
५
|
विशाखविकारजं निमित्त
|
फलम् |
४२८ |
२५
|
विशाखापीडाफलम् |
२४४ |
११
|
विश्वकर्मविकारजं निमित्त-
|
फलम् |
४२९ |
११
|
विषयविभागः |
३ |
५
|
विष्णुदैवताद्भुतशान्तिः |
७३२ |
१६
|
विष्णुदैवताद्भुतानि |
७३२ |
९
|
विष्णुविकारजं निमित्तफलम् |
४२९ |
११
|
विहितविशेषशान्तय उल्काद्युत्पाताः |
३४१ |
२३
|
वीधिविचारफलम् |
२४९ |
२५
|
वीरमातृविकारजं निमित्त-
|
फलम् |
४२९ |
२३
|
|