पुटमेतत् सुपुष्टितम्
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विषयः | पृष्ठम् | |
५०. | प्राणायामावान्तरफलम् | २३० |
५१. | प्रत्याहरस्वरूपम् | २३१ |
५२. | प्रत्याहारफलम् | " |
॥ तृतीयो विभूतिपादः ॥
१. | धारणलक्षणम् | २३३ |
२. | ध्यानलक्षणम् | २३४ |
३. | समाधिलक्षणम् | " |
४. | संयमपदार्थः | २३५ |
५. | संयमजयफलम् | " |
६. | संयमसापेक्षता | " |
७. | धारणाऽऽदीनामन्तरङ्गत्वम् | २३७ |
८. | एषामेव निर्बीजबहिरङ्गत्वम् | २३८ |
९. | निरोधपरिणामलक्षणम् | २३९ |
१०. | तेन चित्तप्रशान्तवाहितोक्तिः | २४० |
११. | समाधिपरिणामलक्षणम् | " |
१२. | एकाग्रतापरिणामलक्षणम् | २४१ |
१३. | धर्मादित्रयपरिणामलक्षणव्याख्यानम् | २४२ |
१४. | धर्मिलक्षणम् | २५५ |
१५. | परिणामान्यत्वे हेतूक्तिः | २५९ |
१६. | परिणामत्रयसंयमफलम् | २६२ |
१७. | शब्दार्थप्रत्ययविवेकसंयमफलम् | २६३ |
१८. | संस्कारसाक्षात्कृतिफलम् | २७८ |
१९. | प्रत्ययसाक्षात्कृतिफलम् | २८० |
२०. | प्रत्ययसाक्षात्कृतौ तद्विषयस्यासाक्षात्कृतिः | २८१ |
२१. | कायरूपसंयमफलम् | " |
२२. | कर्मसंयमफलम् | २८२ |
२३. | मैत्र्यादिसंयमफलम् | २८३ |
२४. | बलसंयमफलम् | २८४ |
२५. | प्रवृत्त्यालोकसंयमफलम् | " |
२६. | सूर्यसंयमफलम् | २८५ |
२७. | चन्द्रसंयमफलम् | २८७ |
२८. | ध्रुवसंयमफलम् | " |
२९. | नाभिचक्रसंयमफलम् | २८८ |