कालभैरवाष्टकम्
कालभैरवाष्टकम् [[लेखकः :|]] |
कालभैरवाष्टकम् |
देवराज्यसेव्यमानपावनाघ्रिपंकजम्
व्यालयज्ञसूत्रमिंदूशेखरं कृपाकरम्|
नारदादियोगिवृंद वंदितं दिगंबरम्
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवम् भजे|
भानुकोटिभास्करं भवाब्दितारकं परं
नीलकण्ठमीप्सिथार्थदायकं त्रिलोचनम|
कालकालमम्बुजाक्षमक्षशूलमक्षरं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवम् भजे|
शूलटंकपाशदण्डपाणिमादिकारणं
श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम|
भीमविक्रम प्रभुं विचित्र तांडवप्रियं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवम् भजे|
भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तलोकविग्रहं
भक्तवस्तलं स्थितं समस्तलोकविग्रहं|
विनिकण्वन्मनोज्ञ्हेम्किंकिणीलस्तकटिं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवम् भजे|
धर्मसेतूपालकं त्वधर्ममार्ग्नाशकम्
कर्मपाशमोचकम् सुशर्मदारकम् विभुम्|
स्वर्णवर्णशेष्पाशशोभितांगमण्डलं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवम् भजे|
रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकम्
नित्यमद्वितीयमिष्ट दैवतं निरंजनम्|
मृत्यु दर्प नाशनं करालदंष्ट्र मोक्षणम्
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवम् भजे|
अट्टहासभिन्नपद्मजाण्ड्कोशसंततिं
दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनं
अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवम् भजे|
भूतसंघनायकं विशालकिर्तीदायकं
काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम्|
नितिमार्गकोविदम् पुरातनम् जगत्पतिं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवम् भजे|
कालभैरवाष्टकम् पठन्ति ये मनोहरं
ज्ञानमुक्ति साधनम् विचित्रपुण्यवर्धनम्|
शोकमोह्दैन्यलोभकोपताप्नाशनम्
प्रयान्ति कालभैरवांघ्रिसन्निधिम् नरा धृवम्
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवम् भजे|