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पृष्ठम्:छन्दःशास्त्रम् (पिङ्गलः).djvu/९६

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साम्री गायत्री साम्री जगती साम्री त्रिष्टुप् । सात्री पङ्कि साम्री बृहती स्कन्धेोग्रीवी ] अतिर्गीति

पृष्ट. | ८ | खराङ्गायत्री २१ ; इसीयसी छन्दःशाखे टिप्पण्यां च वर्णितवृत्तनामसूची १०८ ६७ | अमृतगतिः १५६ छन्दोनाम ५८ | अमृततिलका ११७ १४७ | अर्ण १८५ | अर्णवः ८४ | अलोला १६९ | अवितथम् ६८ | अशोकपुष्पमञ्जरी ११७ १४९ | आदिविपुला ६३ | नन्दः १७५ ७ ) ३७ ३७ ३७ १५ ११३ ११३ ११३ ८४ १७७ १७७ १४८ १८६ १७८ १५५ १६९ १४९ ९४ १७७ ११२