सम्भाषणम्:रघुवंशम्/प्रथमः सर्गः
विषयः योज्यताम्दिखावट
वागर्थाविव संपृक्तौ वागर्थप्रतिपत्तये। जगतः पितरौ वन्दे पार्वतीपरमेश्वरौ॥ १-१
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