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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९३२

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सीमिक् ( पु० ) विवादग्रस्त सीमर का निर्णय - वृक्षः, ( पु० ) सीमा पर का पेड़ जो सीमा का चिह्न मान लिया गया हो।-सम्धिः (पु० ) दो सीमाओं का मिलान या मेल । सौमिक ( पु० )पृष्ठ विशेष | २ दीमक दीमकों का लगाया हुआ मिट्टी का ढेर | सीर: ( पु० ) १ हल | २ सूर्य | ३ मदार का पौधा -ध्वजः, ( पु० ) राजा जनक की उपाधि | -पाणि: - भृत् (पु० ) वनराम-योगः, ( पु० ) पशु को हल में जोतना - श्रीरकः ( पु०) देखो सीर सीरिन् (१०) बलरामजी का नामान्तर | सीलंदः सीलन्दः सीलंघ: सीलन्धः ( १२६ ) ( पु० ) एक प्रकार की मधुवी। सीध देखो सिधू, सीवनं ( २० ) १ सियन सिलाई २ जोड़ (जैसे खोपड़ी का)। सीसं सीसकें सीसपत्रकं सीनी (स्त्री० ) १ सुई। सूची २ वह रेखा जो लिंग के नीचे से गुदा तक जाती है। } ( म० ) सीसा नामक धातु सीड: सोडुण्ड: ( ० ) सैहुद | थूहर । सु (धा० उ० ७ ) [ सुवति, सुचते ] ( घा०] १० ) [ सवति-सौति ] अधिकार रखना। सर्वप्रधानत्व रखना। [ ४०-- सुनोति, सुमते, सुत ] १ दया कर रस निकालना। २ चर्क खींचना | ३ किन छिटकाना ४ यज्ञ करना, सोम यज्ञ । ५ स्नान करना। विशेष कर सु ( अन्यथा० ) यह एक अध्यय है जो संज्ञावाची शब्दों के साथ कर्मधारय और बहुव्रीहि समासों में तथा विशेषणवाची एवं किया विशेषण-वाची शब्दों के साथ व्यवहत किया जाता है। सु के निम्न लिखित अर्थ होते हैं:- 3 सु १ अच्छा | भला सर्वोत्तम । यथा सुगन्धि | २ सुन्दर सुस्वरूप मनोहर । यथा सुकेशी । ३ भली भाँति | पूरी तौर पर यथा सुजीएं। ४. सहज तुरन्त । यथा सुकर या सुलभ । १ अधिक अत्यधिक यथा सुदारुण-अक्ष, ( वि० ) अच्छी आँखों वाला~-अङ्गः, (वि०) खूबसूरत सुन्दर -आकर, प्राकृति, ( वि० ) सुन्दर । मनोहर खूबसूरत - ग्रामास, (वि०) वश चमकीला 1-इष्ट, (वि० ) उपयुक्त रीस्या यज्ञ किया हुआ | -उक्त, ( वि० ) भलीभाँति कथित :-सूक्तं, ( न० ) बुद्धिमानी की कहतूस या कहावत उकि, ( स्त्री० ) १ मैत्री के कारण कहा हुआ वचन | २ चातुर्यपूर्ण कथन | ३ शुद्ध वाक्य | -उत्तर ( वि० ) अत्यन्त उत्कृष्ट | उत्तर दिशा की ओर उत्थान, (वि० ) अच्छा उद्योग करने वाला । पराक्रमी । क्रियावान /- उत्थानं ( म० ) ज़ोरदार उद्योग या प्रयत्न - उम्मद, उन्माद, (वि० ) नितान्त पागल या सनकी । उपसदन, (वि० ) सहज में पास जाने योग्य उपस्करः, ( वि० ) वह जिसके पास अच्छे शौज़ार हों ।—कराडुः ( पु० ) खुजली | खाज 1-कंवः, (पु० ) १ कसेरू | २ रखालू | जमीनकंद ३ वास विशेष - कन्दकः ( पु०) प्याज २ बाराहीकंद । ३ मिली कन्द । गेठी कर, ( वि० ) [ स्त्री०सुकरा, सुकरी ] जो सहज में हो सके। जो आसानी से हो सके । २ जो सहज में सुव्यवस्थित किया जा सके या जिसका इन्तजाम आसानी से हो सके। ~~सुकरा, (स्त्री० ) अच्छ और सीधी गौ-सुरं, ( न० ) धर्मादा | पुण्यदान ~~फर्मन, ( वि० ) 1 पुण्यात्मा । धर्मात्मा २ परिश्रमी | मिहनती। ( पु०) विश्व- कर्मा का नाम कल (वि० ) ऐसा पुरुष- जिसने उदारता पूर्वक अपना धन देने और उसका सदस्यय करने के लिये प्रसिद्धि प्राप्त की हो।- काण्डिन, ( वि० ) 1 सुन्दर डाली वाला | २ सुन्दर रीति से जुड़ा हुआ ( 50 ) भरा। मधु- -