विभाव बरबादी। वह युद्ध जिसमें लूट पाट की जाय। शत्रुभय | परत्रचक्र-अप ६ हानि नाश ७ उत्पीड़न । अत्याचार [वैपरोस्य | विरोध | धूल या गर्द जो आईने पर या दर्पण पर जम जाती है। यथा- वि x x x महिरादर्श इवामिदृश्यते । 10 खद्दन । अतिक्रमण श्राफ विपत्ति | १२ पापमयता । ( ७७७ ) -- किरातार्जुनीय । । मङ्गकरण | 19 | पाकर्म विलावः ( पु० ) १ बाद वृदा २ उपद्रवकारक ३ घोड़े की बहुत तेज चाल विलप देखो विष" । विरून (वि०) 1 व्यर्थं निरर्थक | वेकाम। बेफायदा। विध ( ( पु० ) १ कोटमा | मलावरोध विबन्धः कति २ अवरोध रुकावट } विवाधा (स्त्री० ) पीड़ा कष्ट । सन्ताप विबुद्धः (व० १० ) 1 ( विप्लुत (व० कृ० ) १ छितराया हुआ बिखरा हुथा। २ डूबा हुआ बड़ा हुया ३ आकुल चवदाया हुआ ४ मार काढ या लूट पाट करके नए किया हुआ १ खोया हुआ हिराना हुआ। ६ अपना नित | तिरस्कृत | ७ बरबाद किया हुआ ! उजाड़ा हुआ वदश किया हुआ अपराधी व्यभिचारी झूठा असत्य जारकर्म का १० विरुद्ध उला। ११ आगृत जागता हुआ । २ खिला हुआ फूला हुआ फैला हुआ ३ चतुर निपुण पट्ट। . बुद्धिमानजन । विज्ञान पुरुष | चन्द्रमा अधिपतिः विदुधः ( पु० ) २ देवता | - ईश्वरः (पु० ) इन्द्र की उपाधियां। --द्विष -शत्रुः, ( पु० ) दैत्य | राक्षस विधानः ( पु०)पडित पुरुष २ शिक्षक 1 } हर्ब विभाजनं विवोधः (पु० ) जागृति जागरण बुद्धि । प्रतिभा । ३ व्यभिचार भाव (अकार साहित्य में ४ सभ्य बोध देश में आना ( विभक (व० कृ० ) १ बँटा हुआ। विभाजित पृथक किया हुआ है जो अपने पिता की सम्पत्ति से अपना भाग पा चुका हो और अलग रहता हो । ४ विमुक्त | ५ भिन्न बहुसंख्यक ६ कार्य से अवकाश प्राप्त एकान्तवासी ७ नियमित व्यत्र- स्थित विमि शोभित भूचित |
विभक्तः ( 50 ) कार्तिकेय का नाम विभक्तिः ( स्टी० ) : विभाग | बाँद । २ अलग होने को किया था भाव : पार्थस्य अलगाव : ३ पैतृक सम्पत्ति का आग या हिस्सा ४ शब्द के आगे लगा हुआ वह प्रत्यय या चिन्ह जो यह बतलाता है कि उस शब्द का क्रियापद से क्या सम्बन्ध है। संस्कृत व्याकद में विभक्ति वास्तव में शब्द का रूपान्तरित न है 1 विभंगः ) ( पु० : १ टूटन | (हड्डी का टूटना १२ विभङ्ग बंदी अवशेष मोह। सदन । ४ । पर्त । शिफन सीदी। जीना । २ विकसन 1 प्राकव्य । 1 विभवः (पु०) १ धन दौलत सम्पत्ति २ महिमा बड़प्पन अधिकार | ३ विक्रम पराक्रम | दल २ चौदार्य | ३ ४ उच्चपद महिमान्त्रितपइ मोक्ष मुक्ति | स्वर्गीय सुख विभा (बी० ) १ दीप्ति सभा | २ किरन । ३ सौन्दर्य 1-करः, ( पु० ) १ सूर्य । २ अ । मदार अकाथा ३ चन्द्रमा -वसुः (०) १ सूर्य २ अति ३ चन्द्रमा ४ हार। गजे का आभूषण विशेष 2 विभागः (पु० ) १ हिस्सा बाँट बटवारा सम्पत्ति में का एक भाग ३ अंश २ पैतृक भाग | 9 अलगाव | विभाजन |२ परिच्छेद खe 1-~ कल्पना, ( स० ) बटवारा या हिस्सों का धर्मः, (पु० ) दायभाग | विभाजनं (न० ) बँटवारा। चोंटने की क्रिया सै० म० को०-45