३ मृत्युजय, मृत्युञ्जयः सृषा ( पु० ) गया। अन| ईख-प्रतिवद्ध, (वि०) | मुदिनी (स्त्री० ) कोमल था अच्छी मिट्टी | मरणशील | मर्त्य |–फला, फली, (स्त्री०) | मृदु (वि० ) [ स्त्री०- मृदु था. मृद्धी, ]१ कोमल । । केला - बीजः, वीजः ( पु० ) दाँस - ४ पर- जला | राज्, ( पु० ) यमराज - लीकः ( पु० ) १ मध्यंलाफ । २ यमलोक चञ्चनः (पु० ) १ शिवजी २ जंगली कौधा बनकाक/सूतिः, (स्त्री० ) कैक की मादा। यह अँडे देती है। और अँडे देते ही मर जाती है। नरम । मुलायम २ निर्गल कमज़ोर मिताचारी। -अङ्गम् ( न० ) टीन --अङ्गी (स्त्री० ) कोमलाङ्गी स्त्री /-उत्पलं, (ज० ) कोमल नीला कमल - कायसं ( न० ) सीसा | जस्ता (गमना, (स्त्री० ) हंसी-पर्वकः ( पु० ) -- पर्वन, ( न० ) सरपत। नरकुल-पुष्प (पु०) सिरस का पेड़-भाषिन् (वि० ) मधुर भाषी मीठा बोलने वाला /- रोमन, ( 30 ) -रोमकः, ( पु० ) सरगोश | खरा। मृत्युंजयः ) ( पु०) यह जिसने मौत को जीत लिया मृत्युंजयः । हो । २ शिवजी का एक नाम मृत्सा ) ( स्त्री० ) १ मही २ अच्छी सट्टी | ३ मृत्स्ना । सुगन्धि युक्त मही सद् ( घा० परस्मै० ) [ मृदाति, सृदित ] १ निचो | मृदुः ( 50 ) शनिग्रह | बना। दवानी | मलना ।२ कुचलना पैरों से | रूपना | कुचल कुचल कर टुकड़े २ कर डालना। नाश कर डालना | मार डालना । ३ रगहना | faeना। स्पर्श करना। 8 झाड़ डालना । रगड़ कर साफ कर डालना। मृद (स्त्री० ) १ मिट्टी। मृतिका | २ मिट्टी का डेला ३ मिट्टी का ढीला ४ एक प्रकार की गन्धदार मिट्टी करा, ( १० ) कुम्हार -- कांस्यं. ( न० ) मिट्टी का बरतन 1ः (g०) मछली विशेष चयः, (सूचयः ) (पु०) मिट्टी का ढेर - पचः, (पु० ) कुम्हार - पात्रं, - भाराडं, ( म०) मिट्टी के बने बरतन । - पिण्डः, ( पु० ) मिट्टी का डेला । - जोष्टः, ( पु० ) मिट्टी का डेला 1-नकटिका, (= मृच्छकटिका ) मिट्टी की बनी छोटी गादी। मिट्टी का बना गाड़ी का खिलौना | दंगः ) ( ५० ) १ दङ्ग | ढोलक विशेष । २वस । मृदङ्गः ) -फलः, ( पु० ) कटहल का पेड़ | मृदर (वि० ) चंचल चपल खेलाड़ी| २ कच्चा उड़ाक उड़न छु । मृदा देखो मदु । मंदित ( च० कृ० ) १ खाया हुआ। निचोड़ा हुआ। पीसा हुआ कूटा हुआ। मला हुआ। } मृदुन्नकं ( न० ) सुवर्ण | सोना । मृदुल ( वि० ) नम | कोमल | मुलायम मृदुलं ( न० ) ३ पानी । २ अगर काष्ठ विशेष । मुद्री } 2 ( स्त्री० ) अंगूरों या दाखों का मुद्रीका गुच्छा मृधू ( घा० उभय०) [ मर्धति-मर्धते ] नम होना या नम अथवा सर करना । मृधं (न० ) युद्ध | लड़ाई | सृन्मय (वि० ) मिट्टी का । मृश ( धा०] परस्मै० ) [ मृशति, मृट ] स्पर्श करना छूना २ रगड़ना मनना ३ विचारना खयाल करना । मृष् ( धा० परस्मै० ) [ मर्षति ] दिहकता (उभय०-मर्पति, मर्पते) सहना सहन करना । 1 सृषा ( स्त्री० ) 1 झूठ। रावत असत्यता। भूत- मूठ | २ व्यर्थ । निरर्थक अनुपयोगी।-प्रध्या- यिन् ( पु० ) सारस विशेष:~-अर्थक, (वि०) १ असल्य २ वाहियात 1- अर्थकं (न० ) वाहियातपना चसम्भवत्व उद्यं ( न० ) झूठ असत्य झूटा बयान । - ज्ञानं, (न० ) अज्ञानता अम । भूख -भाषिन्- वादिन, ( पु० ) झूठा | असत्य बोलने वाला।- वाच, -
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