( ३८४ ) दुराव व्यवहार 1 (न०) असदाचरण | बुरा चाल चलन खी०) सूवा अकाल अनुचित निर्णय या फसला व्रत (वि० ) अवज्ञाकारी नियम विरुद्ध करने वाला। हुतं, (न०) विधि-विरुद्ध हवन किया हुआ हृद् ( वि० ) दुष्ट हृदय (पु० ) कोई भी शत्रु /- हृदय, (वि० ) दुष्ट हृदय। बुरा इरादा रखने चाला दुष्ट वृषि ( पु० ) दुराद (न०) सुआ। पोंसे का खेल दुरोदरः (पु० ) ज्वाही। जुआ खेलने याखा | २ पाँसे रखने की पेटी ३ दौ दुलू (घा० उभ० ) [दोलयति-दोजयते. दोलित] फूलना। चुलिः ( स्त्री० ) छोटी कछुई या कवी | दुष् ( धा० परस्मै० ) [ दुष्यति, बुट]: हानि उठाना । खराब होना। धन्या लगना । अपवित्र होना छूत लगना ३ पाप करना भूल करना। गलती करना। ४ असती होना निमकहरामी 4 करना । J यरवाद किया J दुष्ट ( ३० कृ० ) १ खराब किया हुआ हुआ चोटिल किया हुआ नष्ट किया हुआ । २ अष्ट किया हुआ कर्जाइत किया हुआ । ३ बिगाड़ा हुआ। ४ दुष्ट अपराधी जुर्म करने वाला । ६ नीच । श्रोछा ७ दोषपूर्ण टि युक्त | ८ कष्टदायी ३ निकम्मा /-आत्मन्- आशय, (वि० ) दुष्ट चित्त दुराशय। -गजः ( पु० ) खूनी हाथी । -चेतस् - धी बुद्धि ( वि० ) मलिन चित्त | खराब तबियत का 1- वृषः (50) खराब या विल बैल। दुष्टिः ( स्त्री० ) चरित्रअंश । अष्टवस्था | दुष्ठु (अव्यया०) बुरा । खराब २ अनुचित रूप से भूल से गलती से दुष्यंत ) ( दु० ) सूर्यवंशी एक राजा जो पुरुवंशी दुष्यन्तः । थे। इनका गन्धर्व विवाह शकुन्तला के साथ हुआ था। दुस् ( यह एक उपसर्ग है जो संज्ञावाची और कभी कभी क्रियावाची शब्दों में लगायी जाती है। इसका प्रयोग "बुरा, दुष्ट, अपकृष्ट, कठोर या दुस् - · ८ कठिन के अर्थो मे किया जाता है करम्, ( न० ) १ कठिन और पीड़ादायी फाये। कठि नाई। २ अन्तरिक्ष आकाश /- कर्मन, (पु०) पापकर्म अपराध | जुर्म कालः, ( 30 ) १ बुरा समय १२ प्रलय काल २ शिवजी की उपाधि \-कुलं, (न० ) अकुलीन कुल 1- कुलोन, ( वि० ) नीच वंशोत्पन्न-हत् (पु०) दुष्ट जन ।कृतं, कृतिः, (क्षी० ) पापकर्म । असद्कर्म 1- क्रम्, (वि० ) अस्तव्यस्त बढ़ |--चर, ( दि० ) १ कठिनाई से पूरा होने वाला कठिन काम २ अप्रवेशप अवासव्य | ३ असदाचरणी । - चरः, ( पु० ) १ रीड़ | २ शङ्क विशेष (चरित ( वि० ) दुष्ट | बुरे चाचरण वाला। चिकित्स्य, (वि०) असाध्य | आरोग्य न होने वाला व्यवनः (पु) इन्द्र- च्यावः (पु०) शिवजी |--तर, (वि०) (= दुधर, या दुस्तर) १ कठिनाई से पार किये जाने वाला। २ कठिनाई से वश में किये जाने वाला अजेय 1 तर्कः, (पु०) मिथ्या वादविवाद-पच, (= दुप्पच) (वि.) कठिनाई से पचने योग्य - पतनं, (न०) बुरी तरह गिरने वाला। (प) - परिग्रह (वि०) कठिनाई से पकड़ा जानेवाला। परिग्रहः, (पु०) हुष्टास्त्री या भार्या । पूर, (वि०) मुश्किल से भरा जाने वाला या अघाने वाला। - प्रकाश, (वि० ) अँधियारा। धुंधला:-प्रकृति, (वि० ) बुरे स्वभाव का चिड़चिड़ा 1-प्रजलू, ( वि० ) बुरी चौलाद वाला।- प्रज्ञ, (= दुप्पक्ष) (वि०) सूढ निर्बल चित्त का प्रघर्ष, प्रधृष्य, (वि०) दुर्धर्षं। जिसपर हम्बा न हो सके। प्रवादा, ( पु० ) कलङ्क | अपकीर्ति। अपवाद !--[ --प्रवृत्तिः, ( स्त्री० ) बुरी खबर अमङ्गलजनक संवाद |---- प्रसह, [= दुष्प्रसह ] १ भयङ्कर । २ असा /- प्राप, -प्रापया, ( वि० ) अप्राप्तव्य कठिनता से मिलने योग्य - शकुनं ( न० ) अपशकुन बुरा सगुन-शला, (खी०) धृतराष्ट्र की एकमात्र पुत्री का नाम यह जयद्रथ को व्याही गयी थी। -शासन, (वि० ) कठिनाई से काबू में आने वाला । - शासनः, (पु०) उतराष्ट्र के १०० पुत्रों 1- - " - - - -
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