सामग्री पर जाएँ

सदस्यसम्भाषणम्:Greeshmamohan1831113

पृष्ठ की सामग्री दूसरी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
विषयः योज्यताम्
विकिस्रोतः तः

भारतीय नृत्य

[सम्पाद्यताम्]

भारतीय नृत्य उपादा शश्वत् शैली इव शास्त्रीय च लोक | भिन्न शैली नृत्य भिन्न विभागे व्युत्पन्न इति | संगीत नाट्य अकडेमि राष्ट्रीय प्रदर्शन कला अकडेमि अस्थि | तत् अष्ट शास्त्रीय नृत्य विध जानाति, यावद् अन्ये अधिक विधाः जानाति | एते संस्कृतं पाठ्य "नाट्य शास्त्र" च देवव्रता प्रदर्शन कला व हिन्दु संस्कृति मूल इति |भारत देशे बहुविद लोका नृत्य सन्ति | भारतीय चलनाचित्रे बोल्लिवॊड् नृत्य आथि प्रसिद्ध | भारतीय नृत्यस्य महत्वपूर्ण विभागः शैवैते आन्दोलन अस्ति |

शास्त्रीय नृत्य

[सम्पाद्यताम्]

शास्त्रीय नृत्य बहुविदा प्रदर्शन कला व छात्र पद अस्ति | संगीत नाटक अकडेमि अष्ट स्त्रिया नर्तय जानाति - तत् भरतनाट्यम्, कुचिपुदि, कथक्, ओडिस्सि, कथकली, सत्रिय, मणिपुरी च मोहिनिअट्टम् सन्ति | दरिद विल्लिंस इव पडितः छौ, यक्षगान च भगवत मेल सूचि समाचिनोति | संस्कृति साचिव्य भारतीय शासन छौ नृत्य स्त्रिया नृत्य तत्र समाचिनोति | एतानि नृत्य सम्प्रदायतः प्रदेशे अस्ति | सर्वे स्थानीय वा संकृत संगीत च अनुवाद समविशयति | ते एकताय अन्तरक कल्पनाः रीति, अभिनय च वेशभूषा विकल्पे रूपयति |

संभक्त आलोकनाह्

[सम्पाद्यताम्]
सञ्चिका:Https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Screenshot 20190215-094441.jpg
भरतनत्यं

सर्व प्रधान शास्त्रीय नृत्य त्रीणि समानवर्गः सन्ति | नाट्यशस्त्रे इव नृत्त , नृत्य , नाट्य प्रस्ताव इति |

नृत्त प्रदर्शन अमूर्त , द्रुत च विरचितपद इति | प्रेक्षक पवन गति प्रेक्षयति | नृत्त चरण, प्रकार, वेग, अध्याचार च प्रतिरूप इति केन्द्रिकरोति | नृत्त इव विवरण न इति, कथानक न इति, केवलं पारिभाषिकत्वं इति |ताल च लय नृत्तस्य मूलभूत विचार सन्ति |

रस भावविहॆनान्तु न्रित्तमित्यभिदियते
[सम्पाद्यताम्]

नृत्त प्रदर्शन अरंभरेखा अस्ति | नृत्त सहभागह् चारि, रेचिक, अङ्गहार , करण, भ्रमरी , न्रित्तहस्त सन्ति |

सञ्चिका:Https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Alapadma-Hasta.jpg?wprov=srpw1 14
न्रित्तहस्त

नृत्य मन्थर इति | सः भावनाः च कथानक प्रेक्षकाय उपनयति | हिन्दु पुरान कथानक अति प्रसिद्ध नर्तय बन्धः इत्ति | नर्थक अथवा नर्थकी एक पुरातन अथवा अध्यात्मिक सन्देश उच्चारयति | नृत्य पदेन निःशब्द अभिव्यक्ति प्रतिवपति | नृत्य संपादयत रस च शारीरिक दशा अस्ति | आङ्गिक अभिनय अति महत्वपूर्ण अस्ति |

रसभवव्यञ्जनादियुक्तं न्रुत्यमितिर्यते
[सम्पाद्यताम्]

नृत्य संसक्त भ्हवाभिनय | सह पञ्च प्रकारः सन्ति | ते विषम, विकट , लघु , पेरणी , गुन्दली अस्ति |

नाट्यम् रूपक अस्ति | सामान्यतः युग्मं प्रदर्शन अति परन्तु अकेला नर्थक अथवा नर्थकी प्रदर्शयति सम्भावित | नाट्य कथानक च रूपं प्रतिवपति | नाट्य नृत्य भूतेन च प्रतिवपति | नाट्य ल्याल, ईसै च नाटक संयोग अस्ति |

नात्यं तन्नतकं चैव पूज्यं पूर्वकथयुतं
[सम्पाद्यताम्]

मुखाभिनय नाट्यं अति महत्वपूर्ण अस्ति | सह दश विभागे सन्ति | ते भान , वीधि , अङ्ग , व्यायोग , षमवकर , य़िहम्रिग , दिम , प्रहसन , नाटक सन्ति |