पृष्ठम्:वायुपुराणम्.djvu/९७७

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वायुपुराणम् शताणि त्रीणि भोक्ष्यन्ति म्लेच्छा एकादशैव तु । तच्छन्नेन च फालेन ततः कोलिकिला नृपाः ततः कोलिकिलेभ्यश्च विन्ध्यशक्तिर्भविष्यति । समाः षण्णवत ज्ञात्वा पृथिवीं च समेष्यति वृषान्वै दिशकाञ्चापि भविष्यांश्च निवोधत | शेषस्य नागराजस्य पुत्रः स्वरपुरंजयः भोगी भविष्यते राजा नृपो नागकुलोद्वहः | सदाचन्द्रस्तु चन्द्रांशो द्वितीयो नखवांस्तथा धनधर्मा ततश्चापि चतुर्थो विशजः स्मृतः । भूतिनन्दस्ततश्चापि वैदेशे तु भविष्यति ॥३६४ ॥३६५ ॥३६६ ॥३६७ ॥३६८ + अङ्गानां नन्दनस्यान्ते मधुनन्दिर्भविष्यति । तस्य भ्राता यवीयांस्तु नाम्ना नन्दियशाः किल ||३६६ तस्यान्वये भविष्यन्ति राजानस्ते त्रयस्तु वै । दौहित्रः शिशुको नाम पुरिकायां नृपोऽभवत् ।।३७० विन्ध्यशक्तिसुतश्चापि प्रवीरो नाम वीर्यवान् । भोक्ष्यन्ति च समाः षष्ट पुरों काञ्चनकां च वै ॥ ३७१ यक्ष्यन्ति वाजपेयैश्च समाप्तवरदक्षिणैः । तस्य पुत्रास्तु चत्वारो भविष्यन्ति नराधिपाः विन्ध्यकानां फुलेऽतोते नृपा वैवाहिकात्रयः | सुप्रतीको नभीरस्तु समा भोक्ष्यति त्रिंशति (त)म् ॥ ॥३७२ वंशीय राजागण तीन सौ वर्षों तक राज्य करेंगे । इन राजाओं के बाद कोलिकिल नामक शुद्र जातीय राजाओं का राज्य होगा ।३६२-३६४| उन कोलिकिलों से विन्ध्य शक्ति नामक राजा के हाथ में शासनशक्ति आयेगी । वह छानधे वर्षों तक पृथ्वी पर राज्य करेगा | अब इसके उपरान्त भविष्यत्कालीन शुद्र जातीय विदेशो राजाओं ( १ ) का वर्णन सुनिये । नागराज शेष का पुत्र शत्रुओं के नगरों को जीतनेवाला राजा भोगी, नागकुल में सर्वश्रेष्ठ राजा होगा - यही सर्वप्रथम विदेशी राजा होगा । उसके उपरान्त सदाचन्द्र चन्द्रांराभूत नखवान्, धनधर्मा, विशज और भूतिनन्द नामक राजा गण भी विदेश में राज्य पद प्राप्त करेंगे । ३६५-३६८॥ अंगवंशीय राजा नन्द के उपरान्त राजा मधुनन्दि के हाथ में शासनशक्ति जायगी, मधुमन्दि के छोटे भाई का नाम नन्दियशा होगा। इसी नन्दयशा के वंश में तीन राजा उत्पन्न होगे । उनके नाम दौहित्र, और शिशुक और परम बलशाली प्रवीर होंगे। ये तीनों कुल मिला कर साठ वर्ष तक राज्य करेंगे । इन तीनों में राजा प्रवीर पूर्वकथित राजा विन्ध्यशक्ति का पुत्र होगा । राजा शिशुक पुरी में अन्य दोनों राजा काञ्चनपुरी में राज्य करेंगे । ३६६-३७१॥ ये तीनों राजा लोग प्रचुर दक्षिणा देकर वाजपेय यज्ञ का अनुष्ठान करेंगे । तदनन्तर प्रवीर के चार पुत्र राज्य पद के अधिकारी होगे। विन्ध्यक वंशीय राजाओं के परिवार के विनष्ट हो जाने पर सुप्रतीक नभीर आदि तीन चाह्रीक राजा लोग तीस वर्ष तक राज्य पद का उपभोग करेंगे | माहिषी वंशीयों में शक्यमा नामक एक राजा होगा। तदनन्तर पुष्पमित्र और मित्र + एतदर्धं न ग पुस्तके |