पृष्ठम्:वायुपुराणम्.djvu/९५९

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६३८ वायुपुराणम् ॥१८१ विभ्राजपुत्रा राजानः सुकृतेनेह कर्मणा । विष्वयसेनस्य पुत्रस्तु उदयसेनो बभूव ह भल्लाटस्तस्य दायादो येन राजा पुरा हतः । भल्लाटस्य तु दायादो राजाऽऽसोज्जनमेजयः ॥ उग्रायुधेन तस्यार्थे सर्वे नोपाः प्रणाशिताः ऋषय ऊचु: उग्रायुधः कस्य सुतः कस्मिन्वंशे च कीर्त्यते । किमर्थं चैव नोपास्ते तेन सर्वे प्रणाशिताः सूत उवाच हिमोढ़स्य तु दायादो विद्वाञ्जज्ञे यवीनरः | धृतिमांस्तस्य पुत्रस्तु तस्य सत्यधृतिः सुतः अथ सत्यधृतेः पुत्रो दृढनेमिः प्रतापवान् । दृढनेमिसुतश्चापि सुवर्मा नाम पार्थिवः आसीत्सुवर्मणः पुत्रः सार्वभौमः प्रतापवान् । सार्वभौम इति ख्यातः पृथिव्यामेकराड्बभौ तस्यान्वये च सहति महत्पौरवनन्दनः । महत्पौरवपुत्रस्तु राजा रुक्मरथः स्मृतः अथ रुक्मरथस्यापि सुपार्श्वो नाम पार्थिवः । सुपार्श्वतनयश्चापि सुमतिर्नाम धार्मिकः सुमतेरपि धर्मात्मा राजा संनतिमान्प्रभुः | तस्याऽऽसीत्संनतिर्नाम कृतस्तस्य सुतोऽभवत् ॥१८२ ॥१८३ ॥१८४ ॥१८५ ॥१८६ ॥१८७ ॥१८८ ॥१८६ से इस लोक में परम यश के भाजन हो गये हैं। उस राजा विष्वसेन का पुत्र उदक्सेन हुआ । उसका उत्तरा घिकारी भल्लाट हुआ, जिसने राजा का संहार कर दिया । भल्लाट का उत्तराधिकारी राजा जनमेजय हुआ, इसी के वैर के कारण उग्रायुध ने समस्त नोपवंशियों का विध्वंश कर डाला था ।१७६-१८२। ऋषियों ने पूछा- सूत जो ! यह उग्रायुध किसका पुत्र था ? किस वंश में इसको उत्पत्ति कही जातो है ? इसने किसलिए समस्त नीपवंशी राजाओं का विध्वंस किया था ? १८३१ सूत वोले - ऋषिवृन्द ! द्विमीढ़ का उत्तराधिकारी विद्वान् राजा यवोनर हुआ | उसका पुत्र धृतिमान् था | धृतिमान् का पुत्र सत्यवृति था। सत्यधृति का पुत्र परम प्रतापशाली राजा दूढ़नेमि था । दृढनेमि का पुत्र राजा सुवर्मा था | सुर्वमा का पुत्र सार्वभौम परमप्रतापशाली राजा था, अपने समय का समस्त भूमण्डल का एकच्छत्र सम्राट् था ९८४१८६ उसकी ख्याति ही सार्वभौम नाम से थी । उस राजा सार्वभौम के महान् वंश में महत्पोरवनन्दन नामक एक राजा हुआ, जिसका पुत्र रुक्मरथ कहा जाता है। रुक्मरथ का पुत्र राजा सुपावं हुआ, उस सुपार्श्व का परम धार्मिक पुत्र राजा सुमति था । सुमति का पुत्र धर्मात्मा राजा सन्नतिमान् परम ऐश्वर्यशाली था । उसका संनति नामक एक पुत्र था, उस संगति का पुत्र कृत था,