पृष्ठम्:वायुपुराणम्.djvu/६९५

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६७४ निका studi aras arti frst Grå | TÍ rand a fried smagra रजतम्य या गाऽतिदर्श वानमेव असा वितुषों यागपुरवते ॥ पित नेतेन दान सम्मानारयल राजते हि दुग्ण पाभिः कृष्णाजिनांना पाचनं गजनं वार्षदोहसंकुल पसंद अथ चतुःसप्ततितमोऽध्यायः १. दिन ही के दूसरे कामचल हस्पति ने कहा कि के किसके लिये है ही प्रथा पांदोबा भोfree मरा as an ibat i farsi may seegi and then the wate gaan en slâ à ga à vnà fordi vì mãi & Racken ! präzontà e ben 570 * पाँदी मे पात्र में स्थानमा पनि अवाक में ca fii at 2005't afrðiði eðgad at meron, cha wa TA विनायकराला (याएको है, पिसरी के मार्ग मे दमनार भिमरा katarzia अध्याय ७२ नेपाली कम्बल मे तथा गुदा मे साल है । से मेरो मन गाण आदिमाय मर्म को उपयोगी है। पर निवामिल होलिक तुएं क