पृष्ठम्:Rig Veda, Sanskrit, vol8.djvu/५९३

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

7.156, 17] अद्धितार्थं हि नैपादिरङ्गुष्टेन वियोजितः । द्रोणेनाचार्यकं कृत्वा छद्मना सत्यविक्रमः ॥ १७ स तु चद्धाहुलित्राणो नैषादिर्दृढविक्रमः । अस्थन्नेको वनचरो बभौ राम इवापरः ॥ १८ एकलव्यं हि साङ्क्षष्ठमशक्ता देवदानवाः | सराक्षसोरगाः पार्थ विजेतुं युधि कर्हेिचित् ॥ १९ किठु मानुषमात्रेण शक्यः स्यात्प्रतिवीक्षितम् । दृढमुष्टिः कृती नित्यमस्यमानो दिवानिशम् || २० त्वद्वितार्थं तु स मया हतः संग्राममूर्धनि । महाभारते ( for न सं ) Ba Ka शतर ( for इन्तु ) D1] [9] [संहान्दै वाम्रण हेतु - " Su Ka जैतुं: 1024 (for दाना ) &E (Ksm19510g) धनंजय, Bas | Ds भरो धर्म ( For "छम). Drz शक पुरुषसतम Ga अपि शनो बोत्तम दाइवि नरोसम 17 ") Ks Dn D1T11 नू; D3 Mo तु { for हि ). - 5 ) 9 (G10195105) या (for

  • होन). – 4 } 61 { before com ) मधुसूदन 1 (by

Darr Ka D15 सत्यविषम 18 Gr om. ( hapl } 1800 } Daa Drs18 9 (Gaon G1 missing ) दि ( for सु) सीद् (lor अस्यन्). Ki D1 नैको for एक). ) G11 Jio Detar माति ( for बमो) is घरो. 38{G& Deu अविमानी दन 19 * } Ba IDs 47 ॥ नशा ( for अशा) −) Ks करून KsDI केचन KI केन व (lor कईि 20 3 Ds कि जु ( for किसु ). IIT मात्र) (ue), 3IL गायेण ( Ior भात्रेण ). ) 1 11 सूच Moशयं ( for पाक्य ) Dos से (for साद / TA शक्यप्रतिदीक्षियूं-() Disपश्यमानो ( for अस्य 21 °3 Ds D1 सटु ई for एचद् )- 31 De Ma हि । Dit lacaba; Da1 Mos{for). Dat समाई(c) III श्व सपा TG14 समरे (Jor स गया). - [81 Ka समर (for संपाय ) वेदिराज्य (na) (for )- Doras [for ), ) [D] हि 22 Stra transp 2galand 2nd Gr 11-4 repeat pons after 135L*; 311 afer 221 - 6t Dos चेदिराजश्च विक्रान्तः प्रत्यक्षं निहतस्तव ॥ २१ स चाप्यशक्यः संग्रामे जेतुं सर्वैः सुरासुरैः । चधार्थं तस्य जातोऽहमन्येषां च सुरद्विपाम् ॥ २२ वत्सद्दायो नरव्याघ्र लोकानां हितकाम्यया | हिडिम्बचककिमरा भीमसेनेन पातिताः । रावणेन समप्राणा ब्रह्मयज्ञ चिनाशनाः ॥ २३ हतस्तथैव मायावी हैडिम्वेनाप्यलायुधः । हैडिम्बश्चाप्युपायेन शक्त्या कर्णेन घातितः ॥ २४ यदि होनं नाहनिष्यत्कर्णः शक्त्या महासृधे । 4 [ द्रोणव शक्य R17 D1+ [४]क: safall both tirnes) शत। Als ( bath tirces ) शक्ति { for [अ]शस्य ). - 4 ) Ka सबै ( for सबै ). DI बेई सर्वासुरासुरे GM { all both times ) जेतुं सर्वान्सु ( Me - After 224 GBM zav "चंसु ) रानी 1251* I यमेन्द्र सिद्धगन्धर्वान्सुरुद्राणान् । सद्विजातजाम्बूनदसज | अजेय सर्वभूताना जयेदाप दिवोक्स | [ ( L I ) G1 परेंद्र ( For यमेन्द्र ) - ( 3 ) Ms 1 अनुय्य [for अज्ञेय ) ] -- After the second occurreuce of 2236 Mas resd 2300 for the first time repeating it an ats proper placedy Dr Gs incums (for ) 22 5 23 For the repetition of 238 in Ms-4, cf v l -~*) 8 ( is missing Mo-s [ all both times) स्वदिवाएं (10] स्वासा) –&y BMsms ( all Erst lune } शिशुपाल मया हव -> Ke Dor Dea Daa D18 हिंदंय Ds द्विदंवि (for हिडिम्ब ). ŚK14 किदीप, Duz किमग; Is किर्मारा: D4 कमरा, De -किर्मिरा; D कम्मीरा; T3 मीरा Ga Ma कृष्मीरा कुंमीरा (for किमीरा ) 4 ) B Det Do1 Do{ marg. as an test) घातिता (for पातिठा ). —D1 ow (hapl } 18*-27 De om. (bspl) 23°–24+ - ) Don यशप ( for महायज्ञ ) Ks विनाशकान् Gs Bla 'सका (for शना ). [902] 24 Disom 26{ cf 123}. & K {hammssing} Da om. 2g=4 – 4) Der Dot Dr7नः डमा (for इंडिटेल). D1+ बालायुष्य {tor [br]- प्पे # Dea Dn1 D1 ईडय (D1 दि दर (for eft) D: बोप्युपाये Desस है ( Dr (४) बोप्यु D