पृष्ठम्:वायुपुराणम्.djvu/३३१

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३१२ १४ अस्यऽऽयामश्चतुस्त्रिशत्सहस्राणि प्रमाणतः । तत्र ते शुभकर्माणः केतुमालाः परिश्रुताः। ।।२ तत्र काला नराः सर्वे महासत्व महाबलाः। स्त्रिसवोत्पलपत्राशः सवस्ताः प्रियदर्शनाः ॥३ तत्र दिव्यो महावृक्षः पनसः षड्रसाश्रयः ईश्वरो ब्रह्मणः पुत्रः कामचारी मनोजवः ॥ तस्य पीत्व फलरसं जीवन्ति हि समायुतम् पाश्र्वे माल्यवतश्वापि पूर्वं पूर्वा तु गण्डिका। आयामतोऽथ विस्ताराद्यथैवापरण्डिका भद्राश्वस्तत्र विज्ञेया नित्यं मुदितमानसाः । भद्रे सालवनं तत्र कालम्राश्च महाद्रुमाः ॥६ तत्र ते पुरुषाः श्वेता महासत्त्वा महाबलाः । स्त्रियः कुमुदवर्णाभः सुन्दर्यः प्रियदर्शनाः चन्द्रप्रभाश्वद्रवर्णाः पूर्णचन्द्रनिभाननाः । चन्द्रशतलगात्र्यश्च स्त्रियोश्चोत्पलगन्धिकाः दश वर्षसहस्राणि तेषामायुनरामयम् । कालाम्रस्य रसं पीत्वा सर्वदा स्थिरयौवनाः १५ I७ & ऋषय ऊचुः प्रमाणं वर्णमायुश्च याथातथ्येन कीर्तितम् । चतुर्णापि द्वीपानां समासान्न तु विस्तरात् १० हजार योजनों में फैली है एवं इसका विस्तार प्रमाण बतीस हजार योजन का है । शुभ कर्म करनेवाले वहाँ केतुमाल देशवासी निवास करते हैं ।१-२। वहाँ के रहने वाले पुरुष महावीयशाली, वलशाली और काले रंग के होते हैं; किन्तु स्त्रियां कमलदलसी कोमल और देखने मे मनोहर लगती हैं। वह कटहल का एक दिव्य विशाल वृक्ष है, जिसके फलों में छवों रसों का स्वाद है । वह वृक्ष ब्रह्म का पुत्र, ईश्वर, कामचारी और मन के समान वेगशाली है । वहाँ के निवासी उसके फलो के रस को पीकर हजारों वर्ष जीते है ।३-४। उसी प्रकार माल्यवान के पूर्वी भाग में दूसरी पूर्वगण्डशिला है; जिसकी लम्बाईचौड़ाई भी पहली गण्डशिला के ही बराबर है ।५। भद्राश्ववासी लोग वहाँ नित्य प्रसन्नता पूर्वक रहते हैं । वहाँ भद्र नामक एक सालवन हैं, जहाँ के विशाल वृक्ष कालाम्र नाम से प्रसिद्ध हैं । वहाँ के पुरुष श्वेतवर्ण के महावीर्यं गाली और वलशाली हो है । स्त्रियाँ भी कुमुद के रंग की, सुन्दरी और देखने में भलो मालूम पड़ती है। वे स्त्रियाँ चन्द्र के समान आभा पूर्णा, गौर वर्ण की, शीतलागी कमलशान्घा और पूर्ण चन्द्र की तरह मनोहर मुख वाली है। वहाँ के लोग दम हजार वर्षों तक स्वस्थ और निःशंक हैकर जीते हैं और कालाम्र के रस को पीवर सदा युवक बने रहते हैं ।६-६ । ऋषियों ने कहा- आपने चारों द्वीपों के निवासियो के वर्ण, आयु और प्रमाण को यथार्थ रूप मे बता दिया है; किन्तु विस्तार पूर्वक ने कहकर संक्षेप मे कहा है ।१०।