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  1. महामहोपाध्य'श्रीमदभूतगNथविवेचन

ॐ सैंथर्ससुझ्छ३ = • ३ पुस्तक चैत्र आ)ि याहू अहं ‘में जो जो भृश्य है & किये जाते हैं उनका चिंता छैन क्रिया है. पहले चैत्र- ३ कूल अभंत बस्नथानिर्णय, अतिपथेचीपूजा, चैौहिता- ३ ३ ला, रामनवमी, मॅथलसे ज्यू एम तथा आंत्र हैं

  • नृतथा, थेयरों द्वारा, थापrढ़१५: अकृत्प, भाग " ,

{ गलमी, रक्षाबंधन, झर्लपूजा, जआIg, JरईसीएआyM ( कुशटट्लहरिनालिका, भाद्रपदशुक्चतुर्यो, अर्धषष्थ, ४ , नुगध्य, अनंतत्रत, अगरथौंदन, शत्रदिहश्राद्ध, ॐ महालक्ष्मीपूजन, जीवष्टलिपीगाथ, आइकल, " । वंइ, चंडीगढ, सप्तर्मभिषेप , महाष्टमीनिर्णय : $ हे थपशार्जितापूणा, छत्रमिअझ्दशर्मा, असीरुहूण, जी, ॐ । विघ्थापि, आसिधिचा, अभाधादिङ्काय, ध्रु K भ्रम, दीपदान, यमद्वितीय, चित्रश्नपूज़, एकदशी- हे नर्णय, विसर, मवान्नभक्षण, , कैशिकीनन, ४ गणेशबहुर्थी, श्रीपंचमी, भीष्मामी, सीवोत्पति, शिव & रात्रि, नत्रत, गोंधेददर्श, होलिका आदि सब 3 ॐ कूर्चाका वर्शन किया है, फिर ग्रह्णविंगर तथा संक्षेपसे $ , राय आलिङ्गभी बन किया है, फिर सफ़विधान, ॐ विधो\खोर्भ सय प्रकर्यै अशी आदिका वर्णन विधिज्ञे हैं झिया, वृषोत्सर्गादिद्वा२, संस्था, तीर्थश्राद्ध, ग्याषिछि, { । ‘धूळल आदि कतिपयू धियों का वर्णन भली भांति है

  1. दिया हैं. यह ग्रन्ध्र संस्कृत है. कीमत १३ आना,

ॐ$«x®s८४८४