पृष्ठम्:Rig Veda, Sanskrit, vol8.djvu/४४८

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इचिहन्द- २, ९१,४,९३, १, ८,१०१,१०, १०२, ४ ९,१०५, ४, चौ ७,५६, १२, चोइ४ि, ५६५; १०, ८५, १२, चौनाम् ६,३०, २, ७,५६,१२, ९,५२,५, चींनि २,३३,१३, बुच १,३१,१७, ६,६,३, ४८१३, ७,८९,३, ८४३,१३. सुचिअन्द- दम् ७,९७,५ झुन्मिन् मन २, १४१, ७, ६,३९, ३, -न्मान ७,५६, १२. शुचिह्नि २,९, शुचिदत्- दन् ५.७,७, ७,४,२० ऋग्वेदे समाग्मे शुचिपा- शुचिड्या ७, ९१, ४, शुचिपा ७ ९०, २, १२१, १०, १००, २० शुचिऽपशस्- सम् १,१४४.१ 1 शुभे ४,३,११, ५७, ४, ८, १६४१८५ १८, १०२.८, १०४, ११, १२६, ७, १० १,२४,१२, १३, पैम् ५,२,५० धुन शेर्प- ७,७०,१. २,१८,६, ४१ १४, १५ शुना॑ऽदषित ["नधि"]- -तम् ८,४६,२८. हौत्र- "शनासीरै- शुभसोरा ४,५७,८, शुनपरी ४, ५५.५० शुन्धत १०, १७,१४, शुन्धति १०,८५,३५५ शुन्धयन्तु २०, १७, १० शुचिंप्रतीक कम्] १, १४३, ६. धु ९९७, शुभ्रास- ज्ञा १,७९, १ शुचिदणं - -र्णन् ५३, ३- विवाडिवत ८,४३,१५, सुचिडवत १०,११८,१ ता १,१८२,१, ६,१६, २४, शुचिता १, १५, ११, ३, ६२,१७, ते इति शुचिश्यते ६, ७०, २. यवतम-म ८,४४,३१. "शुविष्म॑त् शुचि ६६.४. शुद् सत् ४४०,५ शुद्रो-शुद्धि १०.४५,५, दी ३,३३,१. गुददा-द ८,९५९८१, इंग १,११४,४०, ८,९५७, दा ६,२८, ५, १०, १८, २, दार्भि८,९५, नं ८, ९५,७,८,१५७ शुन्थ्यु न्ध्यू- ध्यय ५,५२,९, प्यु ७,९७,७, ८,२४,२४, युम् १० ४३.१, युव ५०, ९ १९४, ४, युव॑म् ७,८८,१, १० ३९,५, न्प्यू: १०, १३८,५० शुसि - -प्वौ १,५१,५. शुभ- शुभ १३.१, शुभे ५,५४,११, ९,९४, १, शुम ८,५,५, २२, १४, २६६१०४ १४,९३, ६, शुभ १,३४,६,४५, ५, १२, ५, ७५, ६, ८,५, ११, २२, ४, ६, ५९, २, ५,८५७ ५, १०,४०, ४, १२३ १३८५, १५, १२,४ शुभम् १, २३, ११, ४, ५१, ६, ५,५५, १६, ५७,२ ६,६२, ४, ७,८२, ५, शुभा १,११५ १, ७,५६, ६ तुम॒म्झ्या[[भु]- -ये ४,३,५. शु॒म॒म्याव॑न् अ॒*]– न्वा॑ ५११,१३. इ॒मम्ऽत्रु [[भ] - - पव॑ १०,७८, ७ शुभवेत् - संतुमि ९,९, घुमन्ध ७,५६, १६, शुभयन्ते १८५३ शुमान ना ७,७१,११,१५ शुभा९,२८, ३ शुभ-जम् १,११७१८३० ३१.१२ शुभ १४८, ११७५११९, १२.१७ ३४,१९२५.११.२८, Tºp 19,5, ¥1,4, 44, 4, 8,4 40,4, [ ४६०० ] 2,170,5, 140,41 2364, 4916 ५७३२,५६,३६,७,५५,८५