पृष्ठम्:Rig Veda, Sanskrit, vol8.djvu/४०९

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विषेऽमन्मन्- विप्रेमन्मन्- मन ६,३९,१. वि॒श्प्रि॒यत्- -यन्तैः ९,२२,५. विराज्ये ज्ये३४. पामुक्रमणिका विशेडवचम्- -चस ८६१.८ विधैझ्वादस्- वित्र॒श्वाहसा ५,७४, -९,४४, ५, नम् १०,४७,४, ५ जस्य १०, १८८, २, १०, १०४, १. त्रिभुत तम्] १,११६, २४, ११७,४० वि॒न॒भुवे॑१,२८४. १०,८९, १ त्रि॒मम॑ ७, १८, ३४. विश्नाथ - -ध. १०, १३३.४. वि॒श्वाय॑[ध्या] २,१३,३ १पि॒s- ल्वेम्] ४,३०, १२. योन-न्तम् ८,३,१२. १विदर्भषा २,४९,४, विभक्तृ-१, २७,६४,१७,११,५४६ ६, ६,३६,१, ७,१८,१४, २०१४७ ५,१,२९,७. मजेस् - जैन् १, १०२,१६ जेठ २,१३४, म् ५९४९, १, २. मसि] १,२३,३,१०,११,८ त्रिनु-नु. ४,१७,१३. विश्भु- १३,१, तीम् ३,६१,५९ ६, ४८०, १, ७, विभा--मानम् १०,५५,४० ८.१०२२ विश्भानु - विभागो इति विभागो वि॒भाऽव॑न्- वि॒िभा १,५८.९ च १,५९,७९ ६६,१; ६९,५, १४८,४२,३, ४,१० १२, ५.१,९, ४२१ ६, ४, २, १०, १, ११, ४, ४९.९, १०,६१, २, ८,४,६१,२०, ८८,७, 19,1. वि॒भाऽव॑- च॑म् ११४८, १ वि॒िभाऽव॑से- वि॒भाव १,३०,०,४८११, ९२,१४, ४, ५२६, ५०९४, १०८, ४७, वि॒भाऽव॑सु–सु ३,२.२,८४३,३०४४,२४ १०,११८, ४; -सुम ५२५८४४. १. १०,९२,१, विभावसो इति विभाज्यसो २०४४,१०, ५,०५,७,८,९३,१५, १०, १४०१ [] विश्मासि॑ १,९२८,६४८, ३ विनिर्ध। ॥ १०,६७,५ वि॒र्या॑मि॒न] ८,३३७ त्रिभिदत्ता १०,१३८,५, न १, १०३. २. विभिन्दु- दुना १,११६.५० भन्दो एवं विभि८३,८१. sut ५,३१, ६. विभुग-१, १०९,५, ५७७,४,७३७.१ ४१,५६,२१ [sमात १,७१,६, २०९.४२३.१५ ३५८ | मीषण-५,३४०१. ६.९८,६,७, २०,६.१.१०१.६ भुषको ११.११.१ १२४६ १,११२, १५:१३ ३६० ४ 1,14,1,1, 1, 11, U,ILI-, wc. २५८४१३ मा १,११२,१५४ विधि- १०,१३८ ६ त्रि॒िश्गु • भई ३.१,१.] -१०६.५, १४५१० २,१४,१०८.१०१,१३१३० ४५.५१४१,२,३४,१९५ २०१७.४८,३, go,३४, -भुम् ६, ३५,८