पृष्ठम्:Rig Veda, Sanskrit, vol8.djvu/३८५

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पर्धेन्द्र ऋग्वेदे सभाध्ये ६२,१, ९,४६,३, १०,४३, ३, वर्धन्तु ३, ५२,८,७९९,७; १००, ७, वर्धन्तु १, ५०८, ३,१०,६, ८,३,३, ८, २२, १३, १६, १८, ४४,१९, २२, २,२९, ९,६१,१४, वर्धन्ते॒ १, १४०, ७ पैडमीत[नी] -ठि ३,३४,३० वर्ध॑मान जा– -न ३ ८,५, ६९,४, १०, १४२,६ पैल- १,१४०, ५, ७, ३,५८,९, ४ १६,१४, १६१, ४, नमू १, १,८, २,३,४३,३०८, -ना ३,३८, २ पूर्व ६, १०,७, ४९,१०, ९,९७,३६१, १०४ १०३३ १२५,२, १९०१, ३,१९, १०,५१०३,८१,३२, ७, ९,४०,५ १०, १४१, ६ ६३,४, ७,६८,६,१००६, पैस० १,३४१, ३,५४८,४८,४६, १६, १०,१००, ५, १,३९,१, १०,३,२, ९९,३,११;-पौसि ११७,९, ६,४४, १४, ९,९७,४५ चमैण्डवत् - -चत १०,७८,३- वसैन्- मै १,११४, ५, ६,७५,८, १९५७,३१,६ ९.६७,१४५ ९८,१, १०,१६, ७, १०१,८ १०७, ७ मंडव १,३१, १५, १४, मंसु -मैण ६७५, १, - मैणा ६७५,१८, ३६२, १५, ६,२८, २, ८,१९,३३ ३६,७, ३७,५; ९६५१,४, चेन्ठ २,११, ४८४१३३१०,६७, ९, १०, न्म् १०,४९६ २०, ५० र्धम् १,११८२, ५, ६२, ३, घुर्धर्यन्ति १,५४,८, २,१११, २७, १३, ५,११,५६,४४, ५, ७,५७, ७, ७७,६, १०,०३, ८, १२०, वर्धयन्त Jaa,Y. युवी- न्वी ६६१, १२, ७,९९, ६, १०, ४, ३ ६,३४१ वर्धयन्तु २११,११. पूर्यमान न १, १२५,१. वयौवस् १०५५११ वर्धयाम १,३६, ११, ६१६,११, ५, ४४१२, १, ११, २,४४, २१ वर्ध ३६, २, ५४४, ५, ८, १३, १५:४४, २ ७.८.५, ८,१.१८, १२,७८,१०, १४१०,५०,५ व ५,४१,९, ६३८,४ वपत् १,००, ४:६, १७, ११, ३, ४, ८,७,१९, वम १०,४४, 2,14,14. > वर्धि-न्या ९,९७,३९. ते॒ इति॑५,६८, ४, चर्चेथाम् ३,५३,१, बध इति १,७१,६. ती वि १०,५,३,११,निनिंजू | पिंज- र्निज ३,२६,५,५५७,४ ८,४७८ य॒मि॑िन्- मिर्ण ६२७,१, म ६,५५१ -मॉडईव ९, १०८, ६. पर्वति २,१६४,११ वर्तवति ६,४६,१४. बठान ना १०, १४, १. - ५,५८,७१८३,१० घपंथ ८,५२१. वर्षन्ति ५८४,२, हम ५६३६, व । था। ५,५५,५, वर्षय ५६१३०३ ९,९६.३. १३. हम् ११३१३, ७, २६०५६,२, ४३१,१५५,६७१८ ४६२४६४पा १,८८,१, ३,१६,३ - ४२२, ५ नि ४७,९,५१६४५ ३१,५-१०,२०५९५ क्षत्री ८.११ ६,४४०९ [ ४५३६]