पृष्ठम्:स्वराज्य सिद्धि.djvu/२७९

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रूप से प्रकट करने के लिये भगवान् व्यास ने समन्वय रूप से ये सूत्र लिखे हैं। इसके सम्पूएा उपलब्ध भाष्या मम शाकर भाष्य सबसे अधिक प्रामाणिक और प्राचीन माना जाता है। श्राशा है हिन्दी भाषा भाषी इससे पूरा उठावेंगे । दो जिल्दों में लाभ संपूर्ण । मूल्य प्रति जिल्द का रु०३)

पंचकोश विवेक-पंचकोश के परदे से ढपे हुए श्रात्मा का स्पष्ट बोध नहीं होता; इसीसे उसको विस्तार सहित समझाकर आत्माको दश दिया है। पंचकोश का विवेक ही श्रात्म अनात्म विवेक है। मूल्य १)

सचित्र योगासन-योग के (४०) प्रासन फोटो और विवे चवन सहित हैं। मूल्य १॥)

सदाचार-(भाषा) श्रीमत् शंकराचार्य कृत छोटे पुस्तकों में इसका भी नाम है, इससे मुमुलुश्रों को सत्य आचारका स्पष्ट बोध होता है। मूल्य ।)

काया पलट नाटक-राजा, रानी श्रौर मंत्री के रूप से जीव बुद्धि और मन का जगत् प्रासक्ति में फंसना और सद्गुरु के उपदेश द्वारा ज्ञान भाव में श्राने का वर्णन है। प्रारब्ध दुःख आदि का भी वर्णन है । मूल्य )

उपासना-इसमें साकार, सगुण, निगुण, कार्य ब्रह्म तथा कारण ब्रह्म आदि कई प्रकार की उपासना को भिन्न २ प्रकारसे समझाया है। उपासना की स्थिरता ही से मन एकाग्र होकर आत्म साक्षात्कार होता है। मूल्य ।)

वेदान्त रहस्य-वेदान्त- द्वारा अपने श्रात्मा के बोध के निमित्त अनेक प्रक्रियाओं में जो गुप्त रहस्य है उसे स्पष्ट रूप से