९५९
कौमुदीपूर्वोधंगतसूत्रसूचिकाः ।
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सूत्रम् |
पार्श्वम्
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९०७ |
अनुवादे चरणानाम् (२-४-३) |
५९५
|
१४३८ |
अनुशतिकादीनाञ्च (७-३-२०) |
७६८
|
१२४ |
अनुस्वारस्य ययि० (८-४-५८) |
८१
|
११०६ |
अनृष्यानन्तर्ये० (४-१-१०४) |
६८२
|
८३० |
अनेकमन्यपदार्थे (२-२-२४) |
५५२
|
४५ |
अनेकाल्शित्सर्वस्य (१-१-५५) |
३२
|
४६० |
अनो
बहुव्रीहेः (४-१-१२) || ३४३
|
७९६ |
अनोश्मायस्सरसां०(५-४-९४) |
५३८
|
१४३७ |
अन्तःपूर्वपदाद्वञ् (४-३-६०) |
७६७
|
२२० |
अन्तरंबहिर्योगोप०(१-१-३६) |
१३५
|
७६६ |
अन्तरपरिग्रहे (१-४-६५) |
५२६
|
५४५ |
अन्तरान्तरेणयुक्ते (२-३-४) |
४१४
|
५९१ |
अन्तर्धौयेनादर्शन०(१-४-२८) |
४३७
|
८५५ |
अन्तर्बहिर्भ्याच०(५-४-११७) |
५७५
|
४८९ |
अन्तर्वत्पतिवतो० (४-१-३२) |
३६६
|
७५ |
अन्तादिवच्च (६-१-८५) |
५५
|
२०१४ |
अन्तिकबाढयोर्नेद०(५-३-६३) |
९०६
|
१६३७ |
अन्नाण्णः (४-४-८५) |
८०९
|
६९६ |
अन्नेन व्यञ्जनम् (२-१-३४) |
४९२
|
४९७ |
अन्यतो ङीष् (४-१-४०) |
३७१
|
६७५ |
अन्यपदार्थे च० (२-१-२१) |
४८३
|
५९५ |
अन्यारादितरतें० (२-३-२९) |
४३९
|
९४९ |
अन्ववतप्ताद्रहसः (५-४-८१) |
६२२
|
१०८९ |
अपत्यं पौत्र० (४-१-१६२) |
६७४
|
८१५ |
अपथं नपुंसकम् (२-४ -३०) |
५४७
|
१३५९ |
अपदातौ साल्वात्(४-२-१३५) |
७५१
|
२१० |
अपदान्तस्य मूर्धन्यः(८-३-५५) |
१२६
|
६६६ |
अपपरिबहिरश्चवः०(२-१-१२) |
४७९
|
५९६ |
अपपरी वर्जने (१-४-८८) |
४४१
|
१५७१ |
अपमित्याचि० (४-४-२१) |
७९६
|
१०५९ |
अपरस्पराः० (६-१-१४४) |
६५९
|
४८० |
अपरिमाणबि० (४-१-२२) |
३६१
|
५६३ |
अपवर्गे तृतीया (२-३-६) |
४२२
|
१०६४ |
अपस्करो रथाङ्गं (६-१-१४९) |
६६०
|
२११२ |
अपादाने चाही० (५-४-४५) |
९३७
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सूत्रम् |
पार्श्वम्
|
५८७ |
अपादाने पञ्चमी (२-३-२८) |
४३५
|
५५७ |
अपिः पदार्थसं० (१४-९६) |
४१८
|
११६३ |
अपूर्वपदादन्यत०(४-१-१४०) |
६९६
|
२५१ |
अपृक्त एकालप्र० (१-२-४१) |
१५४
|
७०० |
अपेतापोढमुक्त० (२-१-३८) |
४९४
|
१२२९ |
अपोनष्त्रपान्नप्तृ० (४-२-२७) |
७१५
|
४४२ |
अपो भि (७-४-४८) |
३०८
|
२७७ |
अप्तृन्तृच्स्वसृ० (६-४-११) |
१७३
|
८३२ |
अप्पूरणीप्रमाण्योः (५-४-११६) |
५५८
|
९८ |
अप्लुतवदुपस्थिते (६-१-१२९) |
६९
|
४६७ |
अभाषितपुंस्काच (७-३-४८) |
३५३
|
१४७० |
अभिजनश्च (४-३-९०) |
७७४
|
२०७१ |
अभिजिद्विदभृ० (५-३-११८) |
९२५
|
५४ |
अभिनिविशश्च (१-४-४७ ) |
४१२
|
१४६६ |
अभिनिष्क्रामति० (४-३-८६) |
७७३
|
५५३ |
अभिरभागे (१-४-९१) |
४१७
|
२१२४ |
अभिविधौ संपदा०(५-४-५३) |
९४१
|
१८१८ |
अभ्यमित्राच्छ च (५-२-१७) |
८५९
|
१४०३ |
अमावास्याया वा (४-३-३०) |
७६१
|
१९४ |
अमि पूर्वः (६-१-१०७) |
११८
|
९७० |
अमूर्धमस्तकात्० (६-३-१२) |
६२९
|
७८३ |
अमैवाव्ययेन (२-२-२०) |
५३२
|
२६७ |
अम्बार्थनद्योर्हस्वः (७-३-१०७) |
१६५
|
३३३ |
अम् सम्बुद्धौ (७-१-९९) |
२२७
|
१८७६ |
अयःशूलदण्डा० (५-२-७६) |
८७२
|
१३५३ |
अरण्यान्मनुष्ये (४-२-१२९) |
७५०
|
२१२१ |
अरुर्मनश्चक्षुश्चेतो० (५-४-५१) |
९४०
|
१७८ |
अर्थवदधातुरप्र० (१-२-४५) |
११०
|
१०२६ |
अर्थे विभाषा (६-३-१००) |
६४८
|
७१३ |
अर्धं नपुंसकम् (२-२-२) |
५०३
|
८१३ |
अर्धर्चाः पुंसि च (२-४-३१) |
५४७
|
८०२ |
अधाच्च (५-४-१००) |
५४०
|
१६८४ |
अर्धात्परिमाणस्य०(७-३-२६) |
८२१
|
१३७४ |
अर्धाद्यत् (४-३-४) |
७५४
|
३६४ |
अर्वणस्रसावनञः (६-४-१२७) |
२४८
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