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पृष्ठम्:श्रीविष्णुगीता.djvu/१८०

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। (3) संन्यासगीता । श्रीभारतधर्म महामण्डलके द्वारा सन्न्या- सियोंके लिये सन्न्यासगीता, साधकों के लिये गुरुगीता और पञ्च उपासकों के लिये पञ्चगीताएँ हिन्दी अनुवाद सहित प्रकाशित हो रही हैं। इनमें से गुरुगीता, सन्न्यासगीता, सूर्यगीता और शक्ति- गीता प्रकाशित हो चुकी है, विष्णुगीता, धीशगीता और शम्भुगीता छप रही है । सन्न्यासगीता में सब सम्प्रदायोंके साधु और सन्न्या- सियोंके लिये सब जानने योग्य विषय सन्निविष्ट हैं । सन्न्यासिगण इसके पाठ करने से विशेष ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे और अपना कर्तव्य जान सकेंगे। गृहस्थोंके लिये भी यह ग्रन्थ धर्मज्ञानकाभण्डार है । मूल्य ॥) बारह आना। दैवीमीमांसा दर्शन प्रथम भाग । वेदके तीन काण्ड हैं । यथाः-कर्मकाण्ड, उपासनाकाण्ड और ज्ञानकाण्ड । ज्ञान- काण्डका वेदान्त दर्शन, कर्मकाण्ड का जैमिनी दर्शन और भरद्वाज दर्शन और उपासनाकाण्ड का यह अङ्गिरा दर्शन है। इसका नाम दैवीमीमांसा दर्शन है। यह ग्रन्थ आज तक प्रकाशित नहीं हुआ था। इसके चार पाद हैं, यथाः-प्रथम रसपाद इस पाद में भक्तिका विस्तारित विज्ञान वर्णित है। दूसरा सृष्टि पाद, तीसरा स्थिति पाद और चौथा लयपाद, इन तीनों पादोंमें देवीमाया, देवताओंके भेद, उपासनाका विस्तारित वर्णन और भक्ति और उपासनासे मुक्तिकी प्राप्तिका सब कुछ विज्ञान वर्णित है इस प्रथम भाग में इस दर्शन शास्त्र के प्रथम दो पाद हिन्दी अनुवाद और हिन्दी भाष्यसहित प्रकाशित हुए हैं। मूल्य १॥) डेढ़ रुपया। श्रीभगवद्गीता प्रथमखण्ड । श्रीगीताजीका अपूर्व हिन्दी भाष्य यह प्रकाशित हो रहा है। जिसका प्रथम खण्ड, जिसमें प्रथम अध्याय और द्वितीय अध्याय का कुछ हिस्सा है, प्रकाशित हुआ है। आज तकश्रीगीताजी पर अनेक संस्कृत और हिन्दी भाष्य प्रकाशित हुए हैं परन्तु इस प्रकार का भाष्य आज तक किसी भाषा में प्रका- शित नहीं हुआ है । गीता का अध्यात्म, अधिदैव, अधिभूतरूपी त्रिविध स्वरूप, प्रत्येक श्लोक का त्रिविधअर्थ और सब प्रकारके अधिकारियोंके समझने योग्य गीता-विज्ञानका विस्तारित विवरण इस भाष्यमें मौजूद है। मूल्य १) एक रुपया। मैनेजर, निगपागम बुकडिपो, महामण्डलभवन, जगतगंज, बनारस ।