पृष्ठम्:ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त भाग १.pdf/६४५

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

७४. (घ) (वि० -- इसकी क्रमसंख्या ७५ है) (ग) १. शनैर्न्तवभिः for (शतैर्नवभिः) (वि० - इसकी क्रमसंख्या ७८ है ) (वि० -- क्रमसंख्या ७५ अंकित है) ( २५८ } २ भगरगादिशेष वर्ग त्रिभिर्गुणं संयुतं शतैर्नवभिः । वर्गोष्टशतोनं वा कुर्वन्नावत्सराद् गरकः ॥ ७४ ॥ अधिमासशेषवर्गं योदशगुणं त्रिभिर्युक्तम् । त्रिघनोनं वा वर्ग कुर्वन्नात्सराद् गरणकः ।। ७५ ।। 1 ७५. (घ) (च) २. (ङ) ३. कृतिमष्ट for (वर्गोष्ट) (ग) श्रवमावशेषवर्ग द्वादशगुरिंगतं शतेन संयुक्तम् । त्रिभिरूतं वा वर्गं कुर्वन्नावत्सराद् गरणकः ॥ ७६ ॥ १ ७६. (घ) (ङ) (ग) (दि० - इसकी क्रमसंख्या ७६ है) १. त्रयोदश (ग) for ( योदश ) ३. वर्ग for (वर्ग) ५. वम for (वर्ग) (च) १. त्रयोदश (ङ) for (प्रयोदश) (वि० -- इसकी क्रमसंख्या ७६ हैं) ४. त्रिभिः शतैर्युक्तम् (ङ) for (त्रिभिर्युक्तम् ) ६. (वि० - यहां क्रमसंख्या ७६ अंकित है) (वि० - इसको क्रमसंख्या ७७ है) (वि० ०Srkris (सम्भाषणम्)इसकी क्रमसंख्या ७७ है) २. कुर्वन्नावत् (ग ) (ङ) for (कुर्वन्नात् ) (वि० – इसकी क्रमसंख्या ८२ है) (वि०~-इसकी क्रमसंख्या ८० है) (वि०- ० ७६. संख्या पर अंकित निम्नांकित अतिरिक्त श्लोक है-- सूर्यादि विलिप्ताशेषं पंचभिरूनाद्गतं तथा दशभिः | वर्गो बृहस्पति दिने कुर्वन्नावत्सराद् गणकः ॥ ७६ ।। ---यह श्लोक इस प्रति में क्रमसंख्या ७६ पर है) १. सूर्य for (सूर्यादि) २. रूनाहतं for ( रूनाद्दुगतं) ३. वर्ग for (वर्गों)