पृष्ठम्:ब्राह्मस्फुटसिद्धान्त भाग १.pdf/६३९

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( २५२ ५ अंशक शेषेण ता स्त्रिप्ता शेषात्रं तदंतरादथवा । भानोर्जदिने द्यगुणं यः कथयति कुटकज्ञः सः ॥ ५५ ॥ 1 3 1 ५६. (घ) २ g अंशक शेष त्रिपुतं लिप्ता शेषं कदा रवेज दिने सप्तोष्टोन वा कुर्वन्नावत्सराद्गाकः ॥ ५६ ।। अंशसम मंशके कलासमं वा कला कदा शेषम् । दिवसकरस्येष्ट दिने कुर्वन्नावत्सराद्गणकः ।। ५७ ।। ५५. (घ) (वि० – इसकी क्रमसंख्या ५६ है ) १. लिप्ता (ग ) ( च ) for (स्त्रिप्ता) ३. घुगणं (च) (ङ) for (घुगुणं ) २. शेषात्तदंतरा (ग) (च) for ( शेषात्रतदंतरा) ४. कुट्टकश (ग) कुट्टकज्ञ: for (कुटकज्ञ: ) ५. हता for ( युता) (च) ४. कुदकज्ञ: for (कुटकश:) ( बि० - इसकी श्लोक संख्या ५५ है) ( वि० – इसकी क्रमसंख्या ५६ अंकित है) (ङ) ५. युतात् for (पुता) लिप्ता for (स्त्रिप्ता) २. शेषात् for (शेषात्र) (वि०Srkris (सम्भाषणम्)-इसकी क्रमसंख्या ५७ है) १ नं वा (ग) नावां for (नया) (ग) २. शेषं (ङ) for ( शेष ) ३. 'षट्' दूसरी पंक्ति का प्रथम पद है ( ङ ) ४, सप्लष्टौ for (सप्ताष्टो) ( वि० -- इसकी श्लोकसंख्या ५६ है) (च) १. सप्ताष्टोनं for ( सप्ताष्टोन) ५. (वि० - इसकी क्रमसंख्या ५७ अंकित है) (ङ) १. नव वा for (न वा) ५७. (घ ) (वि० - इसकी क्रमसंख्या ५८ है ) १. मंशाशकला for ( मंशके) ६. कला (ग) for (कदा ) ५. स्थराद्वणक: for (त्सराद्गणक: ) (ग) ६. अंशयुगमंशशेषं for (अंशसममंशके ) ७. कलासमांश for (कलासमं ) (वि० -- इसकी क्रमसंख्या ५८ है, संख्या ५७ अंकित करना भूल गया ) (च) १. मंशशे for (मंशके) २. ३. कदा कलाशेष for (कलाकदाशेषम् ) ४, दिवसरस्येष्ट दिने for ( दिवसकरस्येष्ट दिने) ५. स्थराद्गणकः for (सराद्गरणक:) (ङ) १, मंशशेषं for ( मंशके) ३. 'कदा' लुप्त' ४. सप्ताष्टो for ( सप्ताष्टो) २. कदा (ग) for (कला) ४ दिवसरस्येष्ट for (दिवसकरस्येष्ट)