पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/२४७

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२४० बीजगणिते- रुपये में धन सौ रुपये जोड़ देने से धनर्णसाम्यं से सौ उड़जाते हैं और यावत्तावत् २ शेष रहता है । या २ रु० या १ रू० इस प्रकार एक आलाप घटित होता है। फिर या २ रु १०० या १ रू १०. आधन से दश निकाल कर दूसरे धन में जोड़ देने से हुए या २ रू ११० या १ रु ११० अब या १ रू ११० यह षड्गुणित या २ रु १२० इस शेष के समान है इसलिये समान दो पक्ष हुए या १२ रू६६० या १ रु ११० बाद समीकरण करने से यावत्तावत् का मान ७० आया । यदि एक यावत्तावत् का व्यक्तमान ७० है तो यावत्तात्रत् दोका क्या यों यावात्तवत् दोका व्यक्तमान १४०इसमें ऋण सौ रुपये १०० घटा देने से एक व्यापारी का सर्वधन ४० हुआ इसीभांति दूसरे पक्ष में उत्थापन देने से दूसरे का सर्वधन १७० हुआ । यो दोनों व्यापारियों के धन हुए १७० । ४० । यहाँ १७० में से १०० लेने से दूसरे का धन १००+४०=१४० शेष १७०-- १००८७० से दूना होता है और ४० में से १० लेने से पहिले का धन १० + १७०=१८० शेष ४०-१०=३० से छ गुना होता है | अथवा, जिसप्रकार दूसरा आलाप घटित होवे वैसे दोनों के धन कल्पना किये,