पृष्ठम्:ताजिकनीलकण्ठी (महीधरकृतभाषाटीकासहिता).pdf/२२३

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भाषाटीकासमेवा | (२१५) दृष्ट हो तो पहिले भी चोरथा. सप्तमेशसे मंगलका मूसरिफ हो तो यह चोर पहिले भी चोरीमें पकडा गया था ॥ ३६ ॥ सप्तमगेर विपुत्रेचंद्रदृशातस्करोहिपाखंडी ॥' वोविलोक्यलोकं भौमेखातेनतालकंभंक्त्वा ॥ ३७ ॥ शनि सप्तम चंद्रदृष्ट हो तो चोर पाखंडी होगा, बृहस्पति उसे देखे तो चोर लोकविदित होवे. सप्तम मंगल चंद्रदृष्ट हो तो कुम्हल वाला जंजीर आदि तोडकर चोरने चोरी करीहै ॥ ३७ ॥ . प्रतिकुंचिकयापहृतंसितेतिथिज्ञेप्रपंचकरः।।चौरस्यवयोज्ञाने सितेयुवा ज्ञेशिशुर्गुरौमध्यः ॥ तरुणो भौमे मदेवृद्धो कैस्यादतिस्थविरः ॥३८॥ सप्तममें शुक्र चंद्रदृष्ट हो तो दूसरी कुंची ( चाबी) से खोलकर चोरी भई तथा बुष हो तो अपूर्व मनुष्य प्रपंची चोर है और चारकी अवस्थाके ज्ञानमें शुक्रसे युवा. बुधसे बालक बृहस्पतिसे मध्य अवस्था मंगलसे तरुण. शनिसे बूढा. सूर्य्यसे अतिबूढा जानना ॥ ३८ ॥ त नभसोः स्वमंदिरेस्मरभूम्योर्भूमिलाभयोर्मध्यम् || चरतिरखौनवमध्यमवृद्धवयोतीतकाः क्रमशः ॥ ३९ ॥ सूर्य्य १ | १० स्थानके बीच अपनी राशिमें हो तो नया जवान ७१४ स्थानों के बीच स्वराशिका हो तो मध्यमावस्थ, ४ । ११ के बीच हो तो बूढा, इतनी अवस्था क्रमसे व्यतीत जाननी ॥ ३९ ॥ नष्टस्थानप्रश्नतुय्यभूम्यग्निवायुजलमध्यात् ॥ योभवतिराशिरस्मात्स्थानंज्ञेयंगतधनस्य ॥ ४० ॥ चौरीका द्रव्यस्थानके प्रश्नमें चतुर्थ स्थानमें भूमि वायु जलमेंसे जिस तत्त्वकी राशि हो उसका विशेष स्थान कहना ॥ ४० ॥ अथचतुर्थगृहेतुर्येश्वरोथयःस्याग्रहस्ततोज्ञेयम् ॥ मंदेमलिनस्थानेनिंगी पतौसुरारामे ॥ ४१ ॥ भौमेव हिसमीपरवौगृहाधीश्वरासनस्थाने ॥ तल्पेशुक्रेसौम्येपुस्तकवित्तान्नयानपाच ॥ ४२ ॥