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पृष्ठम्:मालविकाग्निमित्रम्.djvu/९४

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पुटमेतत् सुपुष्टितम्
४७
॥ मालविकाग्निमित्रम् ॥
इरावती | तथा करोति |
निपुणिका | परिक्रम्य विलोक्य | १ओलोअदु भट्टिणी | चुदङ्कुरं
विचिण्णन्दीणं अम्हाणं पिपीलिआदंसणं |
इरावती | २किं विअ एदं |
निपुणिका | ३ऐसा असोअपाअवछ्छाआअं मालविआए
बउलावलिआ चलणालंकारं णिव्वट्टेइ |
इरावती | शङ्कां रूपयित्वा | ४अभूमि इअं मालविआए | किं
तक्केसि |
निपुणिका | ५तक्केमि डोलापरिभ्भट्टचलणाए देवीए
असोअदोहलाहिआरे मालविआ णिउत्तेत्ति | अण्णहा कहं देवी
सअं धारिदं एदं णेउरजुअलं परिअणस्स
अभ्भणुजाणिस्सदि |
इरावती | ६महदी ख्खु से संभावणा |

१. अवलोकयतु भट्टिनी | चूताङ्कुरं विचिन्वत्योरावयोः पिपीलिकादंशनम् |
२. किमिवैतत् |
३. एषाशोकपादच्छायायां मालविकायाः बकुलाकलिका चरणालंकारं निर्वर्तयति |
४.अभूमिरियं मालविकायाः | किं तर्कयसि |
५. तर्कयामि दोलापरिभ्रष्टचरणया देव्याशोकदोहदाधिकारे मालविका नियुक्तेति |
अन्यथा कथं देवी स्वयं धारितमेतन्नूपुरयुगुलं परिजनस्याभ्यनुज्ञास्यति |
६. महती खल्वस्याः संभावना |

2. B आलोअदु़.
3. A C D विचिण्णन्दाणं ; B
विचिणन्दीणं;F विउण्णन्तीणं - A
पिपीलाआं ; B पिप्पलिआं ; C
पिपालआं ( पिपीलआं ?); F
पिपोलीआं
6. A C णिवट्टइ ; D णिवट्टोइ; E णिवठ्ठेइ ;
8. C तक्कसि.
10. E णिव्वुत्तेति.
11. B D E धारीदं-A अरोअण्णस्स
; B अरीअणस्स -B D अ-
भ्भण्णुं.
13. A C मे for "से."