"कथासरित्सागरः/लम्बकः १२" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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तृतीय वेतालः : शुक-सारिकाया- कथा २९९; सारिका - कथितं कथा ३०१; शुक - कथितं कथा ३०५ ।। |
तृतीय वेतालः : शुक-सारिकाया- कथा २९९; सारिका - कथितं कथा ३०१; शुक - कथितं कथा ३०५ ।। |
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चतुर्थ वेतालः : वीरवरस्य कथा ३११ ।। |
चतुर्थ वेतालः : वीरवरस्य कथा ३११ ।। |
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पंचम वेतालः : सोमप्रभायाः कथा ३२९ ।। |
पंचम वेतालः : सोमप्रभायाः कथा ३२९ ।। |
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षष्ठ वेतालः : रजक-कन्यायाः कथा ३३५ ।। |
षष्ठ वेतालः : रजक-कन्यायाः कथा ३३५ ।। |
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सप्तम वेतालः : सत्त्वशीलस्य कथा ३४३ ॥ |
सप्तम वेतालः : सत्त्वशीलस्य कथा ३४३ ॥ |
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अष्टम वेतालः : त्रि चतुर पुरुषाणां कथा ३५९ |
अष्टम वेतालः : त्रि चतुर पुरुषाणां कथा ३५९ |
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नवम वेतालः : राजकुमार्याः अनंगरत्याः कथा ३६७ ।। |
नवम वेतालः : राजकुमार्याः अनंगरत्याः कथा ३६७ ।। |
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दशम वेतालः : मदनसेनायाः कथा ३७३ ।। |
दशम वेतालः : मदनसेनायाः कथा ३७३ ।। |
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एकादश वेतालः : राज्ञः धर्मध्वजस्य कथा |
एकादश वेतालः : राज्ञः धर्मध्वजस्य कथा |
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द्वादश वेतालः : यशःकेतोः कथा ३८७ |
द्वादश वेतालः : यशःकेतोः कथा ३८७ |
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त्रयोदश वेतालः : ब्राह्मण हरिस्वामिनः कथा ४११ |
त्रयोदश वेतालः : ब्राह्मण हरिस्वामिनः कथा ४११ |
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चतुर्दश वेतालः : वणिक्पुत्र्याः कथा ४१९ |
चतुर्दश वेतालः : वणिक्पुत्र्याः कथा ४१९ |
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पंचदश वेतालः : शशिप्रभायाः कथा ४२७ ।। |
पंचदश वेतालः : शशिप्रभायाः कथा ४२७ ।। |
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षोडश वेतालः : जीमूतवाहनस्य कथा ४४३ |
षोडश वेतालः : जीमूतवाहनस्य कथा ४४३ |
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सप्तदश वेतालः : उन्मादिन्याः कथा ४१७ ।। |
सप्तदश वेतालः : उन्मादिन्याः कथा ४१७ ।। |
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अष्टादश वेतालः : ब्राह्मणकुमारस्य कथा ४७९ |
अष्टादश वेतालः : ब्राह्मणकुमारस्य कथा ४७९ |
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एकोनविंश वेतालः : चन्द्रस्वामिन- कथा ४९३ ।। |
एकोनविंश वेतालः : चन्द्रस्वामिन- कथा ४९३ ।। |
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विंश वेतालः : राजा एवं ब्राह्मणपुत्रस्य कथा ५०७ ।। |
विंश वेतालः : राजा एवं ब्राह्मणपुत्रस्य कथा ५०७ ।। |
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*[https://sa.wikisource.org/s/cl7 तरङ्गः २८] | [ |
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एकविंश वेतालः : अनंगमंजरी एवं मणिवर्मणः कथा ५२५ ।। |
एकविंश वेतालः : अनंगमंजरी एवं मणिवर्मणः कथा ५२५ ।। |
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द्वाविंश वेतालः : चत्वारि ब्राह्मण भ्रातॄणां कथा ५३९ ।। |
द्वाविंश वेतालः : चत्वारि ब्राह्मण भ्रातॄणां कथा ५३९ ।। |
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त्रयोविंश वेतालः : परकाय-प्रवेशनात् पूर्वं रुदनकर्तृक तपस्विनः কথা |
त्रयोविंश वेतालः : परकाय-प्रवेशनात् पूर्वं रुदनकर्तृक तपस्विनः কথা |
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चतुर्विंश वेतालः : एकं अद्भुत कथा ५५३ ।। |
चतुर्विंश वेतालः : एकं अद्भुत कथा ५५३ ।। |
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*[https://sa.wikisource.org/s/9nx तरङ्गः ३२] | [ |
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पंचविंश वेताल : भिक्षु क्षान्तिशीलस्य कथा ५६३ (वेतालपंंचविंशतिः समाप्तम्) |
पंचविंश वेताल : भिक्षु क्षान्तिशीलस्य कथा ५६३ (वेतालपंंचविंशतिः समाप्तम्) |
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१०:३३, १ जुलै २०१६ इत्यस्य संस्करणं
मंगलाचरणम् ३; नरवाहनदत्तस्य कथा (क्रमागत) ३; शृगाल्याः कथा ५; वामदत्तस्य कथा ७ ॥
मृगांकदत्तस्य कथा १५; राज्ञः मद्रबाह्वः कथा १९; पुष्कराक्षस्य कथा २३; पुष्कराक्ष एवं विनयवत्याः पूर्वजन्मस्य कथा २९ ॥
मृगांकदत्तस्य उज्जयिनी-गमनम् ३९; श्रुतधेः कथा ४३ ।।
मृगांकदत्त एवं प्रतीहारस्य साहसम् ५९ ।।
गुणाकरस्य वृत्तान्तम् १०१; विनीतमतेः कथा १०१; पवित्र - वराहस्य कथा ११५; देवभूतेः कथा १२७; दानपारमितायाः कथा १२९; शीलपारमितायाः की कथा १३१; क्षमापारमितायाः की कथा १३५; धैर्यपारमितायाः कथा १३७; ध्यानपारमितायाः कथा १३९; प्रज्ञापारमितायाः की कथा १४३ ।।
मृगांकदत्तस्य कथा (क्रमागत) १५७; विचित्रकथस्य कथा १५९; - श्रीदर्शनस्य कथा १५९; सौदामिन्याः कथा १६१; सुनन्दनस्य कथा १६९; श्रीदर्शन एवं अनंगमंजर्याः कथा २०३ ।।
मृगांकदत्तस्य कथा (क्रमागत) २२१; शंखदत्तस्य कथा २४७ ॥
वेतालपञ्चविंशतिः २६७; राजा त्रिविक्रमसेनस्य कथा २६९; प्रथम वेतालः : पद्मावत्याः कथा २७३ ।।
द्वितीय वेतालः : त्रयः तरुण ब्राह्मणानां कथा २९३ ।।
तृतीय वेतालः : शुक-सारिकाया- कथा २९९; सारिका - कथितं कथा ३०१; शुक - कथितं कथा ३०५ ।।
चतुर्थ वेतालः : वीरवरस्य कथा ३११ ।।
पंचम वेतालः : सोमप्रभायाः कथा ३२९ ।।
षष्ठ वेतालः : रजक-कन्यायाः कथा ३३५ ।।
सप्तम वेतालः : सत्त्वशीलस्य कथा ३४३ ॥
अष्टम वेतालः : त्रि चतुर पुरुषाणां कथा ३५९
नवम वेतालः : राजकुमार्याः अनंगरत्याः कथा ३६७ ।।
दशम वेतालः : मदनसेनायाः कथा ३७३ ।।
एकादश वेतालः : राज्ञः धर्मध्वजस्य कथा
द्वादश वेतालः : यशःकेतोः कथा ३८७
त्रयोदश वेतालः : ब्राह्मण हरिस्वामिनः कथा ४११
चतुर्दश वेतालः : वणिक्पुत्र्याः कथा ४१९
पंचदश वेतालः : शशिप्रभायाः कथा ४२७ ।।
षोडश वेतालः : जीमूतवाहनस्य कथा ४४३
सप्तदश वेतालः : उन्मादिन्याः कथा ४१७ ।।
अष्टादश वेतालः : ब्राह्मणकुमारस्य कथा ४७९
एकोनविंश वेतालः : चन्द्रस्वामिन- कथा ४९३ ।।
विंश वेतालः : राजा एवं ब्राह्मणपुत्रस्य कथा ५०७ ।।
एकविंश वेतालः : अनंगमंजरी एवं मणिवर्मणः कथा ५२५ ।।
द्वाविंश वेतालः : चत्वारि ब्राह्मण भ्रातॄणां कथा ५३९ ।।
त्रयोविंश वेतालः : परकाय-प्रवेशनात् पूर्वं रुदनकर्तृक तपस्विनः কথা
चतुर्विंश वेतालः : एकं अद्भुत कथा ५५३ ।।
पंचविंश वेताल : भिक्षु क्षान्तिशीलस्य कथा ५६३ (वेतालपंंचविंशतिः समाप्तम्)
मृगांकदत्तस्य कथा (क्रमागत) ५७१ ।।
व्याघ्रसेनस्य कथा ५८१; सुन्दसेन एवं मन्दरावत्याः कथा ५८५
मृगांकदत्तस्य कथा (क्रमागत)
मृगांकदेव एवं शशांकवत्याः कथा ६५५