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{{रामायणम्/सुन्दरकाण्डम्}}
'''श्रीमद्वाल्मीकियरामायणे सुन्दरकाण्डे द्वितीयः सर्गः ॥५-२॥'''
<div class="verse">
<pre>
ततः पक्षिनिनादेन वृक्षभङ्गस्वनेन च ।
बभूवुस्त्राससंभ्रान्ताः सर्वे लङ्कानिवासिनः ।। ५.४२.१।।
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