"मृच्छकटिकम्" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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१२:३९, १८ जून् २०१९ इत्यस्य संस्करणं
श्रीशूद्रककविविरचित
मृच्छकटिकम्
(MṚCHCHAKAṬIKA)
पृथ्वीधरकृतया व्याख्यया, पाठान्तर-टिप्पणी-
कथावस्तु-पात्रपरिचयादिभिश्च समेतम्
श्रीमदिन्दिराकान्ततीर्थचरणान्तवासाभः
नारायण राम आचार्य
‘काव्यतीर्थ' इत्येतैः
टिप्पण्यादिभिः समलंकृत्य संशोधितम्
अष्टमं संस्करणम् : १९५०
नि र्ण य सा ग र - मु द्र णा ल य म् , मुं बई
मूल्यम् ३। रूप्यकाः
विषयसूची(मूलग्रन्थे नास्ति)
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