"ऋग्वेदः सूक्तं १.६७" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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{{Rig Veda2|[[ऋग्वेदः मण्डल १]]}} |
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| title = [[ऋग्वेदः]] - [[ऋग्वेदः मण्डल १|मण्डल १]] |
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| author = पराशरः शाक्त्यः |
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| notes = दे. अग्निः। द्विपदा विराट्। |
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०६:३७, २५ डिसेम्बर् २०१७ इत्यस्य संस्करणं
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दे. अग्निः। द्विपदा विराट्। |
वनेषु जायुर्मर्तेषु मित्रो वृणीते श्रुष्टिं राजेवाजुर्यम् ॥१॥ |
वने॑षु जा॒युर्मर्ते॑षु मि॒त्रो वृ॑णी॒ते श्रु॒ष्टिं राजे॑वाजु॒र्यम् ॥ |
मण्डल १ | ||||||
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