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मुद्राराक्षसे


णक्यहतक[१] एभ्य एतदीदृशं भवतीत्यन्विष्य निगृहीतवान्पुरनिवासिनो यु[२]ष्मदीयानाप्तपुरुषान् ।

 राक्षसः-( सोद्वेग[३]म्) कथय कथय के के निगृहीताः।

 विराधगुप्तः --प्रथ[४]म तावत्क्षणको जीवसिद्धिः सनिकारं नगरान्निर्वासितः।

 राक्षसः-( स्वगत[५]म्। एतावसह्यम् । न निष्परिग्रहं स्थानभृशः पीड[६]यिष्यति । ( प्रकाशम् ।) वयस्य, कमपराधप्नुद्दिश्य निवासित[७]:।

 विराधुगुसः--एष[८] राक्षसप्रयुक्तया विषकन्यया पर्वतेश्वरं व्यापादितवानिति ।

 राक्षसः-( स्व[९]गतम् ।) साधु कौटिल्य साधु ।

 परिहतु[१०]मयशः पातितमस्मासु च घातितोद्वैराज्यहरः।

 एकमपि नीतिबीजं बहुफलतामेति यस्य तव ॥ १९ ॥


एकमपि नीतिबीजमिति । इदमेकं बीजान्वेषणम् ॥ १९ ॥


  1. om. in B. N ; हतक om. in M. R. H; G. om. एभ्यः following and B. has एच for एतत् after एभ्यः; भविष्यतीति for भवतीति P. G. N. B; B. has अन्विष्य twice; कुसुमपुर. B. G. E; R. M. Om. नि after पुर; N. om, all this,
  2. नन्दमात्यपु° for युष्मदीयनासपु°. B; युष्मg°. E; G. adds गुप्त after आप्त and M. reads आर्ये° for आप्त
  3. साचे°. B. B. G; P. om, one कथय; M. R, om. both; G, has अथ instead; B. E, वयस्य अथ; नभृ° for निगृ° P.
  4. N. has अमात्य before this; also B. B. Reading आदावेव for अथसम्; G. E, omतावत् which follows.
  5. आत्मग°B N; R. E. M. read next word as एतत्तावत् शक्यं for सह्यम् A. M. P. R. G. E.; परिग्रंशः for °भ्रशः B. E.
  6. R. M. read पीडयति; M. om. वयस्य; B. N. G read सखे; E. सखे कथय.
  7. Om, G; B. adds एपः after this ; .E. जीवसिद्धिः
  8. दुरात्मा after this B; . om. या in प्रयुक्तया; N. on. that and reads क्तो for m, and पर्वतकेश्वरम् for पर्वतेश्वरम, घातित° for व्यापादित'. B. E. N. G.
  9. आत्मग° E; कुतः after second साधुः G. D. N.
  10. (M . K. read स्वस्मिन् परिहृतमयशः &c, and omit च); स्वस्मिन्नपर्छ A.P; नूनं परि'. E; N.G. om च, ; R. reads अपयश; N. reads स्वीयम् before पाति'; G: om. अर्द्ध after it.
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