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श्रीललितासहस्रनामावलिः
स्तोत्रथाियं | बन्धूयकुसुमऽद्याय |
स्तुतिमत्यै | बालायै |
थतिसंस्तुतवैभवायें | लोलविनदियं |
ऑ४ मनस्त्रिर्थं | सुमङ्गल्य |
अ-४ मानवरों | सुखकये |
महेश्य | सुवषट्थाय |
मङ्गलाक्रुतयै | ऑ-४ सुवासिन्यै |
विश्वमत्रे | ऑ-४ सुवासिन्यर्चनीयं |
जगद्य | अशtशनाय |
त्रिशलाक्ष्यं | शुद्धमनसायं |
विरागिष्यं | बिन्दुतर्पणसन्तुष्टाएँ |
प्रगल्भायै | पुर्वजायै |
परमोदारायै | त्रिषुषान्विकायं |
अ-४ परमद्य | दशमद्रासमाराज्यों |
ओं-४ मनोमयै | त्रिपुराश्रीवशङ्कर्षे |
व्योमकेषय | ज्ञानमुद्रायै |
विमानशायं | ॐ-४ ज्ञानगम्यार्षे |
वजिग्यं | ओं-४ ज्ञानजं यंस्वरूपियं |
वामकेश्वर्यै | योनिमद्यं |
पञ्चयज्ञप्रयाय | त्रिखण्डेयं |
पश्बनेतमञ्चाधिशायिन्यै | त्रिगणयं |
पश्चर्य | लम्बनें |
पञ्चभतेचें | त्रिकोणगात्रं |
ऑों-४ पञ्चसंख्योपचर्ये | अनघय |
अ-४ शल्ययं | अदभतभारित्राचे |
शाश्वतंडवषय | वयंप्रदायिन्य |
शमंदायं | ओ-अभ्यासातिशयज्ञातार्थ |
शम्भमोहिनी | ओ-४ वधूवातीतरूपिण्यै |
धरावै | |
धेश्सुतापं | अव्याजकरूणमूर्तये |
धन्यायै | अज्ञानध्वान्तदीपिकायं |
बमिधे | आबालगोपविदिक्षायै |
धर्मवैचित्र्यं | सर्वानुल्लङ्चश्चासनायें |
ओ -४ लोकातीतायै | श्रीचक्रराजनिलयायं , |
ओ -४ गुणातीतायै | श्रीमत्रिपुरसुन्दर्यं |
श्रीशिवायै | |
सर्वातीतयै | शिवशक्त्यैक्यपिण्यै |
शमात्मिकायै | ओ-४ ललिताम्बिकायै १००० |
1. ईशावलीवर्षे 2. धराधरसुता