पृष्ठम्:रामकथामञ्जरी.pdf/११३

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१४. पृष्ठ ८२. (गुप्ताम् ) रक्षा की हुई (निष्पपात) उतरा। (नागराः) नगरवासी । (पीठे) सिंहासन पर । ( पर्यदेवन् ) विलाप करती थीं। पृष्ठ८३ ( योजयामास ) जोड़ दिये । ( निषसाद ) बैठ गया ( रश्मीन् ) बागुराओं को। ( पीठे) आसन पर ! (पुष्कलैः)बहुत पृष्ठ84 । (निहतारिः ) जिस ने शत्रुओं को मार दिया है। (पर्य्य- देवन् ) विलाप करती थीं । ( शासति ) राज्य करते हुए।