पृष्ठम्:रामकथामञ्जरी.pdf/१०६

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...:. पृष्ठ ३६ ( जीवितान्तम् ) मृत्यु को । ( अभ्युहीनम् ) जल-हीन (हतप्रभम् ) प्रकाश रहित । (आत्ययिकम् ) अत्यावश्यक । पृष्ठ 37 हतस्य ] भाग्य-रहित को (कृतशास्त्रानुगा) पढे हुए शास्त्रों के अनुकूल व्यवहार करने वाली । [समुपोढे ) प्राप्त होने पर। पृष्ठ 38 (संयानम् ) प्रेत का संस्कारादि । (धारणम् ) धैर्य को। पृष्ठ 39 (कल्पम् ) प्रातःकाल । ( प्रस्विन्न-मुख-पङ्कजः) जिसके कमल- सदृश मुख पर पसीना आ गया है। पृष्ठ 40 (अवर्तयत् ) बहाये। (जटिलम् ) जटाधारी । (दुर्दर्शम् ) जिसे देखना कठिन है ! (भास्करम् ) सूर्य को। (विवर्ण वद- नम् ) जिसके मुख का वर्ण बदल गया है । (अंके) गोद में। (त्रिदिवम् ) स्वर्ग को। पृष्ठ41 (गतचेतनः) मूर्च्छित ।। आराधितः) प्रसन्न किया हुआ ।