पृष्ठम्:रामकथामञ्जरी.pdf/१००

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क्लिष्ट पदानां हिन्दी भाषायां व्याख्यानम् बालकाण्डम् (स्फितः) बहुत बढ़ा हुआ । (प्रभूत धन धान्य-वान् ) बहुत धन तथा धान्य से युक्त । ( लोक-विश्रुता ) संसार में प्रसिद्ध । (सर्व-संग्रहः ) जिसके पास सभी प्रकार की सामग्री इकट्ठी थी। ( अनाहिताग्निः) अग्निहोत्र से रहित ! (तस्करः) चोर। अवृत्तः) दुराचारी (संकरः ) वर्णसंकर । ( तप्यमानस्य) चिन्ता करते हुए का। ( १प्राक्रमत् ) आरम्भ की । ( समास-दीक्षा नियमः) जिसने दीक्षा का नियम समाप्त कर लिया है। ( जनाकुलः जिस में लोगों की बहुत भीड़ थी। पृष्ठ (शशाङ्क इव ) चन्द्र-समान । ( दारक्रियां इति) विवाह के सम्बन्ध में। (ब्रूहि ) कहें। O (सत्य-प्रतिश्रवः) सच्ची प्रतिज्ञा वाला (कामरूपिणः) जब चाहे रूप बंदलने बाले । (विकर्माणः) विघ्न करने वाले (आजुहाव) बुलाया।