पृष्ठम्:महासिद्धान्तः.djvu/85

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मध्यमध्यायः । মহৎ to otb o o o o o o --- ३२ ३२ ८०४:३३७१ ३२ Y R v Rite ao o o o o o X «oYovo ३२ ३२ x १३१४९.३१ २८५ so o ox Coy RRVs o o o و تسمح YR e vivo Coro ३२ o o o o o o o o o o eo o evy SS re --ی マ یوهوایی = ४२°७७८° १९° ३२ ५२३७२९२७४१९ - ३२ Coy RR's ८०४:३३७१ o o o oo o “ጸኛ 8 ፃ ३२ a VA NA WA A ܠ ܝ इय गातरहगणगुणा कलात्मका मामा भबतात्युपपन्न मामाলিখলামু | - स्वल्पान्तरत: 1 इदानी बुधचलानयनमाह । केलूघोणोनै भै बुधशीघ्र भागलिसिकान्तरतः ॥४४॥ सहस्रगुणं शेषाहर्गणमेकत्र केलूघोणोनैः १३४५० अन्यत्र भैः ४ विभजेत् । प्रथम भागाद्य फलं द्वितीर्य कलादिकम्। अनयोरन्तरती बुधशीघ्र बुधशीघोर्च भवति । अत्रान्तरे क्रियमाणे भागादिफल कलादिकात् फलात् शोध्यं न शुध्येत्तर्हि भगणांशान् दत्त्वा शोधयेदिति ध्येयम् । अत्रेोपपतिः । बुधशघिभगणवशेन बुधशी hvevsoves \s x Rx ३० 火乐o” घ्रगतेि: • vsvsvs*, * \suYoRo o o Sws, wovy 6 w x Yoo ox RX 3 x 6' , ፃ'ኳ\9\9% ፃ\9“ኣ¥ ጓ o o e © १७५३७०५४६७१ X o o ox " Rş R*'s a ş R': VU o o 2 o to o ox Y १७९३७०५४६७१ X s' 8 “ኣv « ጻዔፍ ¥ ጓዒ• °