पृष्ठम्:महासिद्धान्तः.djvu/82

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R सतिलके महासिद्धान्ते चन्द्रपातभगणा:= २३२३१३३५४ = १८५८५०६×१२' + १* oY X vs. · ዓ ጻYነ राश्यादिचन्द्रपातक्षेप: = ५ ॥ २ ॥३८॥२४ ॥

  • अाचार्येपठितः = ५ || २ ४०० * । qassarguru: = Y e e no e vjY = Roo Y e o X R'+ ***

तत: g" ( x \s ፃ ጻሄጻ राश्यादिचन्द्रोच्चक्षेपः = `४ ।।॥ ३ ॥५°l२४ ॥ aircrafqfect: s Y Y o o अत उपपन्नं सर्वम् ॥४९॥ - इदानीं शषाहर्गणाद्रव्यानयनमाह। सरधै ra - N fs fè a a VM गणं ४२श्लोकपरिभाषया सहस्रगुणं शेषद्युगणं द्दिधा एकत्र क्रकणैः १०१५॥ अन्यत्र सरधैः s& भजेत्। प्रथममंशादि फूलम् 1 ड्रितीर्य विकलात्मक फलम्। तदंशकविलेितिकायोगोऽकी रविभवेत्। अत्रोपपतिः।२६लोकविधिना भागादिका रविगतिरहर्गणगुणा रविः स्यादिति । = Yxs!'ኣlኝ!ጸሪበኝኜ ! = ጓቒ! ¥ ] 8 ከሤ•ከኝኜ t RV Rob X o O o too e

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