पृष्ठम्:भर्तृहरिसुभाशितम्.pdf/३३२

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॥ क्रय्यसंस्कृतपुस्तकानि ॥


अभिज्ञानशाकुन्तलनाटकम् , शतावधानम् , श्रीनिवासाचा
  यविरचितया व्याख्यया आह्वानुवादसहितया समेतम्
  " वैखानस श्रीनिवासाचार्यो विरचितव्याख्यय
    समेतम् पृथकतम् १
 महाकविबोधायनकृतभगवदज्जुकनाटकम् ०
 भर्तहरिशतकत्रयम् । मूलम् ०
, सव्याख्यानम् १
  रघुवंशः, सव्याख्यः १
  मेघसन्देशः " ०
  हितोपदेशः ० १
  अमरकोशः, मूलमात्रम् ०
  यजुर्वेदसन्ध्यावन्दनम् ०
  शिवानन्दलहरी ०
  रुद्रनमकधमकम् ०
  पञ्चसूक्तानि ०
  रामकर्णामृतम् ०
  विवेकचूडामणिः ०
  श्रीकृष्णकर्णामृतम् ०
                                आंग्लानुवादसहितम् १
  बालरामायणम ०
  हिन्दी तेलुगु बालशिक्षा ०
                                प्रथमवाचकम् ०
  यजुर्वेदाह्निकम् ०
  श्रीवैष्णवाहिकम् ०