पृष्ठम्:ब्राह्मस्फुटसिद्धान्तः भागः २.djvu/५४

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मध्यमाधिकारः ३७ र = रवि । ख = भगोलीय खस्वस्तिक । ख= वेघगोलीय खस्वस्तिक, दृर= रविदृष्टि कणं, भूर= रविकणं, दृस=नाडीवृत्त धरातलान्तरम् = कम, रम = लम्ब भूदृ = केन्द्रान्तर, भू= भूकेन्द्र, दृ = दृष्टिस्थान । खनि=वेघगोलीयक्षांश खनि = भगोलीयाक्षांश वेधगोलीयाक्षांश = भगोलीयाक्षांश = खनि= खनि । रंग=भगोलीय क्रान्तिज्या । रविमन्दोच्चोपपत्ति भूकेन्द्र से रविमन्दगोल केन्द्रगतरेखा रविमन्दप्रतिवृत्त में जहां लगती है। बही रवि के मन्दोच है । ( भूकेन्द्र से मन्दप्रतिवृत्तीय अन्य बिन्दुओं से वह बिन्दु अधिक उच्च में है इसलिए उसका उच्चनाम अनुगतार्थ है, रविकर्ण में यदि त्रिज्या पाते हैं तो रवि बिम्व व्यासार्ध में क्या-इस अनुपात से फल आता है उसके चाप को द्विगुणित करने से रवि के बिम्बकला प्रमाण होता है। प्राचीनाचार्य लोग अनुपात से जो फल आता है उसीको द्विगुणित कर चाप करते हैं उसीको बिम्बकला मान कहते हैं यह ठीक नहीं है, बिम्बकलानयन प्रकार के देखने से उच्चस्यान में रविकर्ण के परमत्व के कारण रविबिम्बकलाप्रमाण परमाप सिद्ध होता है । ‘लम्बनावनतिदर्शनार्थेमियं क्षुरन्यथकेवलं बिन्दुरेव भूः' इस भास्करोक्ति से यहां भुग में और भूपृष्ठ में अभेद मानकर भूकेन्द्रलग्न कोण ( रविबिम्बकला ) को मापन कर जान लिया जाय तब रवि बिम्बकज्ञा के परमाल्पत्व वेधागत स्पष्ट रवि ही रवि मन्दोच होंगे । द्वितीय पर्यय में भी इस तरह रविमन्दोच्च ज्ञान कर दोनों रवि मन्दोच्चों के अन्तर करने से वेधदिनान्तरजनित रविमन्दोच गति होगी । तब अनु पात करते हैं यदि इन वेवदिनान्तर में यह रविमन्दोच्च गति पाते हैं तो एक दिन में क्या इस अनुपात से एकदिनसम्बन्धिनी रविमन्दोच्च गति आई । फिर अनु पात करते हैं यदि एक दिन में यह रविमन्दोच्च गति पाते हैं तो कल्पकुदिन में क्या इससे कल्परविमन्दोच्च भगण आया । अथवा विदित रविमन्दोच ७८° से कुट्टकयुक्ति से उसका (रविमन्दोच) मान यन करते हैं कल्पना करते हैं कल्चरविमन्दोचभगणमान= य ( तब १८५३ शकान्त में कल्पादि से सौर वर्ष = १९७२६४१०३२ ( नव नगशशिमुनिकृतनव इत्यादि ब्रह्मस्फुटसिद्धान्तोक्ति से या गोदीन्द्वद्रिकृताङ्कदन्न- नगगोचन्द्रा इत्यादि भास्करोक्ति से ) तब अनुपात करते हैं यदि कल्प सौर वर्ष में कल्परविमन्दोच्च भगण पाते हैं तो कल्पादि से शकान्त तक पूर्वानीत सौर वर्ष में क्या—इससे शेषसहित रविमन्दोचभगण इष्टवर्षान्त में आया । १६७२६४१० ३२xय -ल १६७२६४१०३२४यः ४३२००००००० ४३२०००० ० ० ० ४३२०००००००४ल+-शे समशोवन करने से १६७२६४१०३२४य-४३२०००००००