पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२२

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चतुर्वेदकोष । २१ मारण उच्चाटन श्रादि का भेद लिखा है । अथर्वाधिपति, ( पुं. ) चन्द्रमा के पुत्र बुध । अथवा, ( ष. ) पक्षान्तरबोधक अव्यय | अथो, ( श्र. ) श्रारम्भ आदि । ( देखो अथ ) अ, ( धा. पर. ) खाना | भोजन करना | श्रदत्त (स्त्री. ) विना व्याही स्त्री । कुमारी । श्रदत्तादायी, (त्रि.) विना दी हुई वस्तु को ग्रहण करने वाला । चोर । डाकू । अदनम्, (न. ) भक्षण । भोजन । अद्भ्रम्, (त्रि.) बहुत | थोड़ा नहीं । श्रदर्शनम्, (त्रि. ) दर्शन के अयोग्य जो देखने में नांव जो न देखा जाय । अदल (पुं. ) हिञ्चल नामक वृश्च । ( त्रि. ) पनरहित वृक्ष विना पत्तों का पेड़ | श्रदस्, (त्रि.) दूसरा अन्य दूर की वस्तु । श्रदाता, ( पुं० ) कृपय । दानशक्तिहीन | जो दे न सके । अदात्यः, ( पुं. ) जलाने के योग्य । शरीर रहित । परमात्मा । महारोगी । अदिति, (श्री. ) देवमाता । ये दक्ष प्रजा- पति की कन्या और कश्यप की स्री थीं । पुनर्वसु नक्षत्र | क्योंकि इसकी देवता अदिति हैं। काटने योग्य भूमि • तिनन्दन, (पुं.) अदिति के पुत्र | देवता | अदीनः, (त्रि. ) उदार | दीन नहीं | श्रदीनात्मा, (त्रि.) यन्त कष्ट होने पर भी जिसकी आत्मा विचलित न हो । अदृश्यम्, (न. ) न देखे जाने योग्य रूप । (त्रि.) इन्द्रियों से नहीं देखे जाने योग्य | अहम्, ( न. ) भाग्य । नियति । शुभाशुभ रूप कर्म । श्र श्रद्धा, (.) सत्यार्थक अव्यय । सामने | साफ । अद्भुत ( न. ) उत्पात | विस्मय । चित्तका विस्मयनामक विकार । नवरसों में का एक रसविशेष | श्रदृष्टपूर्वः, (त्रि.) पहले नहीं देखा गया । अष्टि (सी.) दृष्टि का अभाव | अन्धा वक्रदृष्टि । कोषके साथ देखना। श्रदेवमातृकः, (पुं. ) जिस देश में नदी या नहर आदि के जल से अन्न उत्पन्न होता है उस देश के वासी । अद्भुतस्वनः, (पुं.) महादेव । आश्रर्यशब्द । आश्चर्यशब्दयुक्त | श्रझरः, (त्रि.) बहुत खाने वाला । भक्षणशील । श्रद्य, ( श्र. आज का दिन । वर्तमान दिन | अद्यतनः, (त्रि.) आज की उत्पन्न हुई वस्तु कालविशेष | बीती हुई रात का अन्तिम पहर और आने वाली रातका पहला पहर तथा समस्त दिन यह अद्यतन काल कहा जाता है । अद्यत्वे, (अ.) श्राज का । इस समग्र | संप्रति । अद्यश्वीन, ( सी. ) आज कल में प्रसव करने वाली स्त्री । श्रासनप्रसवा । ः, ( पुं. ) पर्वत । पहाड़ वृक्ष | सूर्य | मान विशेष । सात की संख्या । कर्णी (स्त्री.) अपराजिता नामकी धि | श्रद्रिकीला, ( सी. ) भूमि | पृथिवी । अद्रिजम्, (न. ) शिलाजीत नामक औषध | ( त्रि.) पर्वतपर उत्पन्न होनेवाले पदार्थ | अद्विजनु, ( न. ) शिलाजतु । अद्विजा, ( स्त्री. ) पार्वती | गिरिजा | अदिन्,ि (पुं. ) वासव । इन्द्र | ( स्त्री. ) हिमालय पर्वत की कन्या | पार्वती । मित्, ( पुं. ) इन्द्र । देवराज । अद्रिभू, ( श्री. ) अपराजिता नामकी लता । श्रद्रराज, (पुं.) पर्वतों का राजा | हिमालय | असार, (पुं.) लोहा । श्रद्रोश (पुं.) हिमालय पर्वत । श्रद्रोह, .) द्रोह का अभाव । श्रद्वय, ( न. ) परब्रह्म । सृजातीय । विजातीय और रवगत भेद शून्य । अद्वितीय । (पुं.) वृद्ध ।