पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१७

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अणि खेत । जिसमें छोटे छोटे अन्न उत्पन्न हो । अणिः, ( पुंः स्त्री.) कील । जो रथ के पहिये के आगे लगाया जाता है। सुई की नोक । शस्त्राम। सीमा सूक्ष्म भाग अल्प। अल्पार्थक । अणिमा, (पुं.) छोटा पन लघुता । योगियों की अष्ट सिद्धियों में की एक सिद्धि । अरणीयस, (त्रि.) बहुत थीड़ा । बहुत छोटा ।' लघुतर । € चतुर्वेदकोष । १६ अणु (पुं.) चीना नाम से प्रसिद्ध व्रीहि विशेष । लेश । सूक्ष्म | परमाणु । पदार्थों का मूल कारण । नैयायिक स्वीकृत पदार्थ विशेष । (त्रि. ) सूक्ष्म | छोटा । अरक, (त्रि.) अल्पतर बहुत छोटा | बड़ा सूक्ष्म । अणुमा, अणुमा ( स्त्री. ) जिसकी प्रभा स्वल्प क्षणस्थायी हो । विद्युत् | बिजुली । अणुमात्रिक, (त्रि.) जिसका अणु परिमाण हो । अतिक्षुद्र । अत्यन्त छोटा । जीव की संज्ञा । क्योंकि जीवका परिमाण बहुत छोटा होता है । अणुरेणुः, (पुं. ) त्रसरेणु । धूल-कण | अण्ड, (न. ) अण्डकोश । पक्षीका अण्डा । कस्तूरी । पेशी । अण्डज, (पुं.) अण्डे से निकला पक्षी । · साँप | कुकलास । अण्डे से उत्पन्नमात्र । अण्डालु, ( पुं. ) मत्स्य | मछली । झण्डीरः, (पुं. ) पुरुष | समर्थ | शक्तिमान् । अतट, (पुं.) जिसका किनारा न हो, प्रपात, पर्वत का ऊपरी भाग, जहांसे जल गिरताहै। अतद्गुणः, (पुं. ) अलङ्कार विशेष | यह अलङ्कार वहां होता है। जहां उसके ( किसी वर्णनीय पदार्थ के ) गुण ग्रहण करने की सम्भावना रहने पर भी गुण ग्रहण न हो सके। बहुश्रीहि समास का एक भेद । अतन्द्रितः, (त्रि.) निरालस । आलस्य रहित । अतर्कितः, (त्रि.) अविचारित | सहसा | अक स्मात् । विचाररहित । अति अतर्क्सः, (पुं. ) अपने तर्क से जानने के योग्य परमात्मा अतीन्द्रिग मन वचन के अगोचर | अतलम् (न. ) पृथ्वीतल। पाताल विशेष | ( त्रि. ) तलरहित | निस्तलप्रदेश | अतलस्पर्शम्, (त्रि.) अंतिगभीर । अगाध | 6 जिसका तल छुआ न जासके । अथाह । असलादिः, (पुं. ) अतल श्रादि सात लोक । नीचे के सातलोक । तल वितल सुतल । रसातल । तलातल । महातल और पाताल ये सात लोक हैं । अतः, (घ ) हेतु । कारण | अपदेश । निर्देश | श्रतसः, (पुं.) वायु । क्षौम | पटना | गहरा | श्रात्मा । Pr अतसी, (स्त्री.) क्षमा। अलसी नाम से प्रारीद्ध धान्य विशेष | अतसीतैलम्, (न.) अलसी का तेल । अतस्क, (त्रि.) असंयतेन्द्रिय अति, (अ. नि. ) प्रशंसा प्रकर्ष उत्कर्ष । लांघना। अधिकता। अत्यन्त स्तुति। पूजा | अतिकः, (त्रि. ) निम्बवृश्च । अत्यन्त कड़वा | अतिकथः, (त्रि.) श्रद्धा के योग्य नष्ट धर्म | अविश्वसनीय । विश्वास करने के अयोग्य | अतिकन्दकः, (पुं. ) अधिक जड़वाला वृक्ष | हस्तिकन्दकनामक वृक्ष । अतिकेशर, (पुं. ) वृक्ष विशेष कुरुनक वृश्च । प्रतिकृतिः, ( स्त्री. ) छन्दोविशेष | पचीम अक्षरों का यह बन्द होता है। प्रतिकृच्छ्रम् (न. ) व्रत विशेष यह व्रत तीन दिनतक किया जाता है। एक एक कवल नित्य भोजन करने का इस व्रत में विधान है । अतिक्रयः, (पुं. ) अपात क्रमका उल्लकन करना। नियम न मानना अपने कर्तव्य से विचलित होना । अतिक्रमण्य, (न.) उचित से अधिक अनुष्ठान