पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१६

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चतुर्वेदकोष । १५. अज्ञानी, (त्रि. ) मूर्ख | अविद्वान् । अज्ञेय, (त्रि.) ज्ञान का श्रविषय | जो जाना न जाय । अञ्चलिः, (पुं.) वायु अञ्चलः, (पुं.) वस्त्र का प्रान्त भाग । आंचर | पल्ला | श्रुञ्चितः, (त्रि.) पूजित | पूजा गया। आदृत | जिसका आदर किया गया हो n 1 अश्चितभ्रु, ( स्त्री. ) सुन्दर भौंहवाली स्त्री । अ (धा. पर.) मिलना । जाना। प्रकाश करना । अञ्जनम्, (न.) कञ्जल । सौवीर | रसाञ्जन | ( पुं. ) दिग्गजविशेष । श्रज्ञान | आवरण | उपाधि । अनकेशी, ( स्त्री. ) एक सुगन्धद्रव्य- विशेष | जिसे स्त्रियां बालों में लगाती हैं । यह हडविलासिनी नाम से प्रसिद्ध है । अना ( स्त्री. ) एक वानरी का नाम । जिसके गर्भ और वायु के औरस से हनुमान् उत्पन्न हुए थे । अञ्जनाधिका, ( स्त्री. ) कृष्णवर्ण होने के कारण मन से अधिक एक कीटविशेष | जो बहुत काले वर्ण का होता है । अनावती ( सी . ) सुत्रतीक नामक दिग्गज की हथिनी। क्योंकि यह बहुत काली है । अञ्जनी, (स्त्री.) गन्ध-द्रव्यों के लेपन करने योग्य | स्त्री | कटुक वृक्ष । कालाञ्जन | अञ्जलि, (पुं.) हाथ जोड़ना । जुड़े हुए दोनों हाथ । परिमाणविशेष । 'अञ्जलिका, (स्त्री.) मूषिका । छोटा चूहा | अर्जुन के एक नाग का नाम । अञ्जलिकारिका, ( स्त्री. ) एक पौधा | जो लजावती या लजवन्ती नाम से प्रसिद्ध है । छूने से इसके पत्ते सिकुड़ जाते हैं । हाथों का जोड़ना। हाथ जोड़ने का काम । अखस्, (त्रि.) प्राझल। अवक्र | सीधा । सरल । अजसा, (अ.) शीघ्र | जल्दी | ठीक ठीक । त्वारत । आर्जव । अनायासे । . 7 अखसाकृतम्, (त्रि. ) विनय से किया हुश्री कर्म । अजीरम्, (न.) वृक्षविशेष | स्वनाम- प्रसिद्ध वृक्ष विशेष और फल + श्रद् ( धा. पर. ) गमन । गति । जाना । घटनम्, ( न. ) भ्रमण । गमन | अटनिः-नी, ( श्री. ) धनुष का अप्रभाग | "जहां चिल्ला चढ़ाया जाता है । धनुष कोटि । अटविः, (स्त्री.) वन, अरण्यँ। अटवी, (स्त्री.) अरण्य । वन । वृद्धावस्था में जहां भ्रमण किया जाय। घटा, ( स्त्री. ) भ्रमण । पर्यटन | अटाद्या, ( स्त्री. ) भ्रमण पर्यटन | घूमना | निरर्थक घूमना । विना काम के घूमना । अट्ट, (घा. धात्म.) लांघना | मारना । ( उभ.) अनादर करना । शट्ट, (पुं.) महल के ऊपर का घर । अटारी । बाजार दूकान सूखा अनाज । अत्यन्त । अतिशय । अट्टहासः, (पुं.) अत्यन्त हँसी । अधिक हँसना । महादेव की हँसी । अट्टहासक, (पुं. ) कुन्द पुष्प- विशेष | अट्टालः, (पुं.) अटारी । कोठे के ऊपर का घर | श्रद्धालकः, (पुं.) महल के ऊपरको घर । | अट्टालिका, ( स्त्री. ) अटारी | महल | ऊँचा मकान । धनी राजा आदि का मंकान | एक नगर का नाम । डू, (धा. पर.) उद्यम करना । अडु, ( धा. पर. ) श्राक्रमण करना। अभियोग करना समाधान करना । प्रमाणित करना। अनुमान करना । अण, (धा. पर. ) शब्द करना । सांस लेना । श्र, ( धा. श्रात्म. ) जीना । प्राण धारण करना । अरए, (न.) नीच निन्दित । बहुत छोटा अणकः, (त्रि.) कुत्सित । गर्हित । निन्दित । अणज्य (न.) अणुओं का उत्पत्ति स्थान ।