पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१३४

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चतुर्वेदीकोष | १३४ कूच, (पुं.) स्तन | कुचिका, ( स्त्री. ) चित्र बनाने की कूची । कूजन, (न.) पक्षियों का शब्द । अस्पष्ट को फँसाने की कला । पुरद्वार । कूटयुद्ध, (न. ) छिप कर लड़ना । कूटरचना, (स्त्री.) जालसाज़ी | कूटसाक्षी, (पुं.) झूठा गवाह ? कूटस्थ, (पुं.) श्रात्मा । आकाश आदि तत्त्व | व्याघनख नाम का सुगन्ध पदार्थ | कूटागार, ( न.) क्रीड़ाभवन | नकली घर । चौखण्डी । कूणिका, ( स्त्री. ) शिखर । फूल की कली । वीणा की लंबी लकड़ी | . कूप, ( पुं॰ ) कुआ । नाव बाँधने का खंभा । शब्द । पुराण | कूट, ( पुं. ) अगस्त्य ऋषि । पर्वत का शिखर | घर । निश्चल | ढेर | लोहे का मुद्गर । पाखण्ड । माया । असल बात को या कूर्मपृष्ठं, ( पुं. ) हरा भरा वृक्ष । कछुए की पीठ | (न. ) सकोरा | सरवा | चीज़ को छिपाना । तुच्छ । मूर्ख | मृग कूल, ( न. ) नदी का किनारा | तालाव | कूलंकष, ( पुं. ) समुद्र । कूलंकषा, ( स्त्री. ) नदी । तेल का कुप्पा मस्तूल | कूपखानक, (पुं.) कुआं खोदने वाला । कूयार, (पुं. ) समुद्र । कृत् । कूर, ( पुं. न. ) अन्न | भात । कूर्च, (पुं. न. ) दाढ़ी-मूळ । भौंह का मध्य । छल । मोर की पूँछ । दम्भ | चरण | मुट्ठी भर कुश। शिर । आसनविशेष | कूची । कूर्चशीर्ष, (पुं. ) नारियल । कूर्चिका, ( स्त्री. ) दुग्धविकार । चित्र लिखने की कूची । कली । गहना साफ करने की कूची । कूर्दन, ( न. ) खेलना | कूदना । कूर्प, (न.) भौंह का बीच । कूर्पर, ( पुं॰ ) कुहनी । कूर्पास, (पुं. ) चोली । अँगिया । कूर्म, (पुं॰) कबुंआ । एक प्रकार की मुद्रा । एक प्राणवायु का नाम । कूर्मचक्र, ( न. ) ज्योतिष में प्रसिद्ध एक प्रकार का चक्र । कछुए के आकार का चक्र | कूर्मपुराण, ( न. ) १८ पुराणों में एक कूवर, (पुं. ) कुबड़ा | कुँजा नाम से प्रसिद्ध पुष्प गाड़ी का धुरा । ( त्रि. ) रम्य | I सुन्दर । कूष्माण्ड, (पुं. ) ककड़ी | पेठा | कुम्हड़ा । शिव का एक गण । कूष्माण्डवटिका, ( स्त्री. ) कुम्हड़ौरी । कहा, (स्त्री.) कुहासा | कुहरा | कृक, (पुं.) गला | कृकण, ( पुं. ) कयार नाम का पक्षी । केकड़ा नाम का कीड़ा । कुकर, (पुं. ) शिव | एक प्राणवायु । कनैर का वृक्ष । कृकला, ( स्त्री. ) पीपल ककलास, (पुं.) गिरगिट कृकवाकु, ( पुं. ) मोर। मुर्गा । कृकवाकुध्वज, (पुं. ) शिव के पुत्र स्वामि- कार्तिकेय । कृकाटिका, ( स्त्री. ) घट्टी। गर्दन का ऊँचा हिस्सा | कृच्छ्र, (न. ) कष्ट | दुःख | दुःख के कारण एक प्रकार का व्रत | पाप संकट मूत्र- कृच्छ्र रोग | कठिन । कृच्छ्रसान्तपन, ( न. ) एक व्रत | कृच्छ्रातिकृच्छ्र, (पुं. ) अत्यन्त कष्ट । कठिन से कठिन । एक प्रकार का व्रत । कृष्ण, ( पुं. ) चितेरा | चित्र बनाने वाला । कृत्, काटना ।